हाथरस, उत्तर प्रदेश के हाथरस भगदड़ त्रासदी के सिलसिले में दो महिलाओं सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें सत्संग के दौरान 121 लोगों की जान चली गई।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अलीगढ़ रेंज शलभ माथुर ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “ गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मैनपुरी जिले के कुरावली निवासी राम लड़ैत यादव, फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद निवासी उपेंद्र सिंह यादव, हाथरस जिले के सिकंदराराऊ निवासी नेक सिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार और मंजू देवी के रूप में हुई है।”
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे आयोजन समिति के सदस्य थे और अतीत में कई कार्यक्रमों में भाग ले चुके थे।
आईजी ने कहा, “ वे मुख्य रूप से सेवादार के रूप में काम करते हैं और भीड़ जुटाने और दान एकत्र करने में आयोजकों और सत्संग समिति के साथ सहयोग करते हैं।”
श्री माथुर ने कहा कि घटना के समय सभी सेवादार मौके से भाग गए और उन्होंने पुलिस व प्रशासन को कोई सहयोग नहीं किया।
उन्होंने कहा, “ एक बात सामने आई है कि उन्होंने खुद भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया और उन्होंने किसी भी तरह की पुलिस या प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने दी।”
आईजी ने कहा कि मुख्य आरोपी वेद प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया जा रहा है। इस संबंध में जोन स्तर पर आदेश जारी किया जा रहा है। गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) के तहत भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरान देखा जाएगा कि किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा कोई आपराधिक साजिश तो नहीं है।
उन्होंने कहा, “ यह देखा जाएगा कि यह किसी साजिश का हिस्सा था या नहीं। सूरज पाल उर्फ भोले बाबा की भूमिका पर उन्होंने कहा कि उनका नाम एफआईआर में नहीं है। ”
आईजी ने कहा कि जांच के दौरान अगर किसी की भूमिका पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी। मुख्य आरोपी मधुकर की तलाश में टीमें काम कर रही हैं । दो जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलराई मुगलगढ़ी गांव में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी थी, जहां भोले बाबा के नाम से मशहूर सूरज पाल उर्फ नारायण साकार गिरि के सत्संग कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मचने से कई लोगों की जान चली गई थी। भगदड़ उस समय मची, जब बाबा के अनुयायी उनका चरण रज लेने के लिए होड़ में थे। इस घटना में 2 पुरुष, 112 महिलाएं, 6 लड़के और एक लड़की समेत कुल 121 लोगों की मौत हो गई। सभी शवों की पहचान कर ली गई है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
श्री माथुर ने बताया कि घटना के दिन सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्राथमिकता के आधार पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया गया। प्राथमिकता घायलों को अस्पताल पहुंचाना और उनका समुचित इलाज सुनिश्चित करना था।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। घटना की विस्तृत जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया गया है। सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव और सेवानिवृत्त आईपीएस भावेश कुमार सिंह आयोग के अन्य सदस्य हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के दिन सिकंदराराऊ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उसी दिन मुकदमा जांच क्षेत्राधिकारी राम प्रवेश राय को सौंप दिया गया। एडीजी आगरा जोन ने इस संबंध में सभी जिलों को गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा जोन स्तर पर एसओजी का गठन किया गया है, जो संगठन के सेवादारों और पदाधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी। आईजी ने बताया कि फोरेंसिक टीम और फील्ड यूनिट ने 3 जुलाई की सुबह घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए।