इटावा, उत्तर प्रदेश के हाथरस में हादसे के बाद सुर्खियों में आये कथावाचक भोले बाबा उर्फ सूरज पाल जाटव इटावा में स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) में तैनात रहे है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बुधवार को बताया कि पुलिस दस्तावेजों की जांच से इस बात की पुष्टि हुई है कि आरक्षी 462 सूरज पाल जाटव पुत्र नन्हे राम निवासी बहादुर नगर पोस्ट गंजडुंडवारा थाना पटियाली जिला एटा वर्तमान नाम (काशीराम नगर) का मूल रूप से रहने वाला है। 15 जुलाई 1952 को जन्मे सूरज पाल जाटव की शैक्षिक योग्यता हाई स्कूल है,जो 14 दिसंबर 1970 को यूपी पुलिस आरक्षी के पद पर भर्ती हुआ है। सूरज पाल का ट्रांसफर इटावा में एक मई 1994 को हुआ और 12 जुलाई 1997 को वह एलआईयू में स्थानांतरित हो गया। इटावा में अपनी तैनाती के दौरान सूरजपाल के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज होना नहीं पाया गया है ।
हादसे के बाद अब भोले बाबा नारायण साकार हरि उर्फ सूरज पाल जाटव सुर्खियों में आ गया है। बाबा नारायण साकार हरी अभिवाजित एटा जिले से सृजित हुए कांशीरामनगर जिले के पटियाली के गांव बहादुर का मूल रूप से रहने वाला है।
साकार विश्व हरि के बारे एक बात सामने आ रही है कि पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद नारायण साकार हरि ऊर्फ विश्व हरी बन लोगो की सेवाएं शुरू कर दी पहले बाबा ने छोटे-छोटे आयोजनों में लोगों को अपनी ओर खींचना शुरू किया और जब बाबा ने अपने आप को स्थापित कर लिया तो बड़े आयोजन शुरू कर दिए जिनमें लाखों लोगों ने हिस्सेदारी करना शुरू कर दी।
बाबा के पास कइयों आश्रम स्थापित तो है ही इसके अलावा कई स्थानों पर बाबा की बड़े पैमाने पर जमीन भी है जिन पर उनके आश्रम बनाए जाने की बातें कही जा रही है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि बाबा नारायण साकार हरि भक्तों की सेवा सेवादार बनकर करते हैं।
बाबा के भक्तो की सख्या लाखों में बताए जाती हैं। उनके हर सत्संग में लाखों भक्तो की मौजूदगी दिखाई देती है। इस दौरान हजारों स्वंयसेवक और स्वंयसेविकाएं सेवा की कमान संभालती हैं। पानी, भोजन से लेकर ट्रैफिक की व्यवस्था सुचारू रूप से चले इसकी हर संभव कोशिश की जाती है।
इस बात की पुष्टि हुई है कि गांव में इनका आना-जाना कम रहता है। बाबा ने अपने बहादुरपुर नगर गांव में चैरिटेबल ट्रस्ट भी बना रखा है।