उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हाल के वर्षों में देश में साम्प्रदायिकता बढ़ी है। संसद में पिछले तीन साल के दौरान इस मुद्दे पर तीन बार चर्चा होना इसका उदाहरण है। केंद्र के मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी समाज में जहर फैलाने में लगे रहते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश रहते हैं। जाहिर है कि यह सब सोची-समझी रणनीति है।
आजाद ने भाजपा पर कैराना और कांधला से हिन्दू परिवारों के कथित पलायन को जानबूझकर सियासी मुद्दा बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने हर मोर्चे पर अपनी विफलता को छुपाने के लिए यह गलत रास्ता अपनाया है। इससे देश को नुकसान होगा। कांग्रेस धर्म के नाम पर लोगों को बंटने नहीं देगी।
आजाद ने एक सवाल पर कहा कि पार्टी सही समय आने पर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करेगी। इस पद के लिये चेहरों की कमी नहीं है, मगर यह चयन जाति या धर्म के आधार पर नहीं बल्कि नेतृत्व और काबिलियत के आधार पर होगा। उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि राहुल गांधी किसी तय समय पर कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे, इसलिए उनका उत्तर प्रदेश में नेता बनने का सवाल नहीं है। प्रियंका पिछले 10 साल से अमेठी और रायबरेली में ही प्रचार कर रही हैं। आशा है कि प्रियंका वाड्रा रायबरेली और अमेठी से निकलकर प्रदेश के बाकी हिस्सों में भी वक्त देंगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री के 16 जून की बैठक में शरीक नहीं होने के बाद उनके इस्तीफे की अफवाहों के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए आजाद ने कहा कि आज की बैठक खत्री ने ही आयोजित करवायी थी। वह स्लिप डिस्क की समस्या से जूझ रहे हैं, इसलिए बैठक में शिरकत नहीं कर सके। उन्होंने साफ किया कि खत्री की जगह किसी और को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बनाया गया है।