मध्यप्रदेश के ग्वालियर में आज हिन्दू महासभा द्वारा अपने कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की मूर्ति रखकर मंदिर की स्थापना करने से विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए संबंधितों पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है।
हिन्दू महासभा नेता डॉ जयवीर भारद्वाज के नेतृत्व में हिन्दू महासभा के कुछ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी दौलतगंज स्थित कार्यालय पहुंचे और गोडसे की मूर्ति की विधिवत पूजा अर्चना कर मंदिर निर्माण कर दिया। वहां पर लड्डुओं का प्रसाद भी बांटा गया।
डॉ भारद्वाज का कहना है कि उन्होंने जिला कलेक्टर से मंदिर बनाने की विधिवत अनुमति मांगी थी। अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने अपने कार्यालय में ही मंदिर बना लिया है। गोडसे जब ग्वालियर आया थाए तब वह इसी कार्यालय में रुका था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंदिर की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी, लेकिन वह पूछताछ कर वापस चली गई।
हिन्दू महासभा की स्थापना 1915 में नाथूराम गोडसे ने की थी। 15 नवंबर 1949 को महात्मा गांधी की हत्या करने वाले गोडसे को अंबाला कोर्ट में फांसी दी गई थी। अब हिन्दू महासभा इसे बलिदान दिवस के रूप में मनाती है। महात्मा गांधी की हत्या के लिए हथियार लेने गोडसे ग्वालियर आया था।
यहां हिन्दू महासभा से जुड़े डॉ दत्तात्रेय परचुरे ने हथियार का प्रबंध करवाया था। डॉ परचुरे के परिचित गंगाधर दंडवते ने जगदीश गोयल की पिस्टल का सौदा पांच सौ रुपए में कराया था। पिस्टल खरीदने के बाद दस दिन नाथूराम गोडसे ने ग्वालियर में रहकर पिस्टल चलाने का अभ्यास किया था। इसी पिस्टल से 30 जनवरी 1948 में महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी।