गोरखपुर, योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी का बागी गुट चुनाव लड़ने की तैयारियो में जुटा है। इनके पीछे न हटने के निर्णय ने योगी को भी सांसत में डाल दिया है। वजह, योगी बागियों के साथ शिवसेना के उद्धव ठाकरे के आने से इन्हें ताकत मिल गई है। बावजूद इसके योगी खेमा इन्हें मनाने में लगा है। सूत्रों की माने तो शिव सेना के सिंबल को लेकर भी दोनों दलों के बीच समझौता हो गया है।
शिव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की संस्तुति पर हियुवा के सभी 16 प्रत्यशियों को शिवसेना ने सिंबल दे दिया है। बावजूद इसके योगी आदित्यनाथ का खेमा बगावत करने वाले इन नेताओं को मनाने में जुटा है। बता दें कि हिन्दू युवा वाहिनी ने भाजपा पर योगी आदित्यनाथ की उपेक्षा का आरोप लगाया था। इसके बाद पूर्वान्चल में अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर दी गई थी। प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने भाजपा पर योगी आदित्यनाथ को बरगलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद वाहिनी की पहली सूची जारी कर बगावत कर दिया था। राजनैतिक गलियारे में भूचाल आ गया और योगी व हियुवा को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं थीं। आनन-फानन में योगी आदित्यनाथ ने हिन्दू युवा वाहिनी को सांस्कृतिक व गैर राजनीतिक संगठन बताया। प्रत्याशी खड़ा करने वाले नेताओं को चेतावनी दी। बावजूद इसके हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह व महामंत्री राम लक्ष्मण ने दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इनके बगावती तेवर पहले जैसे ही बने रहे। फिर, प्रदेश अध्यक्ष व महामंत्री को बर्खास्त करने की कार्रवाई हुई। लेकिन, इस बर्खास्तगी को प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने अवैध बताया। संगठन को अपने साथ होने का दावा भी किया। अब प्रदेश अध्यक्ष एक चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि कई संभावनाओं पर विचार हुआ। शिवसेना के सिंबल को लेकर भी मंथन हो रहा था। आखिरकार सभी शिव सेना से लड़ने को राजी भी हो गए। अब उसी सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। हियुवा के बागी नेताओ को मनाने के लिए योगी गुट सक्रिय हो गया है। लाइम लाइट में आये सुनील सिंह को छोड़ अन्य साथियों से लगातार संपर्क साधा जा रहा है। इनमें कुछ पदाधिकारी भी शामिल हैं। हालाँकि घोषित प्रत्याशियों और पदाधिकारियों को मानाने में जुटे नेताओ को अभी कुछ खास सफलता नहीं मिल सकी है।