हैदराबाद, मीडिया द्वारा हैदराबाद विश्वविद्यालय में अपातकाल की स्थिति की खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय, तेलंगाना सरकार और हैदराबाद के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किए हैं।
हैदराबाद विश्वविद्यालय परिसर में 22 मार्च को कुलपति पद पर अप्पा राव की वापसी के बाद हिसक प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शनकारियों की भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और इसके तहत 24 छात्रों और फैकल्टी के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया। प्रदर्शन खत्म कराने के लिए 23 मार्च को विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भोजनालय, पानी की आपूर्ति और अन्य सुविधाओं को बंद करवा दिया है।
प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन (पीडीएसयू) हैदरबाद विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पा राव की गिरफ्तारी की मांग के लिए विश्वविद्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। छात्र संघ मुख्यद्वार के बाहर बैठकर केंद्रीय सरकार और कुलपति के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर को बाहरी व्यक्तियों के लिए बंद किया गया है और इसलिए सुरक्षा बल के जवानों ने सभी प्रदर्शनकारियों को मुख्यद्वार पर रोक रखा है।
हैदरबाद विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पा राव को दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या का दोषी बताते हुए प्रदर्शनकारी छात्र उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही पीडीएसयू छात्र संघ के सदस्य उन सभी छात्रों और फैकल्टी सदस्यों की रिहाई की मांग भी कर रहे हैं, जिन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वह दलितों के न्याय के लिए भी नारे लगा रहे हैं।
छात्रों के 14 संगठनों का एक संयुक्त संगठन ज्वाइंट एक्शन कमेटी फॉर सोशल जस्टिस ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा छात्रों और फैकल्टी के सदस्यों के साथ मारपीट की गई है।