झांसी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मंगलवार को हॉकी के जादूगर के नाम से विख्यात मेजर ध्यानचंद के खेल और विशेषकर हॉकी में उनके योगदान को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर यहां स्थित ध्यानचंद स्टेडियम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री योगी ने कहा “ यूं तो झांसी वीर, वीरांगनाओं की धरती है और महारानी लक्ष्मीबाई के पराक्रम की गौरव गाथा से देश और दुनिया में विख्यात है लेकिन जब बात खेल को होती है तो भी यह धरती किसी मायने में पीछे दिखायी नहीं देती है। यह वह धरा है जहां से मेजर ध्यानचंद ने अपने जादुई खेल से पूरी दुनिया को विस्मृत किया। वह न केवल जबरदस्त प्रतिभा संपन्न एक खिलाड़ी थे बल्कि देश प्रेम की भावना भी उनमें कूट कूट कर भरी थी। उनकी जबरदस्त हॉकी से प्रभावित होकर जब जर्मनी शासक ने उन्हे जर्मनी की नागरिकता देने का प्रस्ताव किया तो उन्होंने यह कहकर ठुकरा दिया कि मैं जैसा भी हूं मैं देश के लिए खेलता हूं। उन्होंने एक झटके में इस प्रस्ताव को ठुकरा कर राष्ट्र के प्रति अपने गहरे प्रेम को व्यक्त किया। आज मुझे कहते हुए गौरव की अनुभूति हो रही है।”
उन्होंने कहा “ मुझे ओलंपियनों का सम्मान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर अपने सभी खिलाड़ियों का अभिनंदन करने के लिए जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के गौरव को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं और मैं खेल सचिव से भी कहूंगा कि जितने पुराने खिलाड़ी हैं, राष्ट्रीय खिलाड़ी है इन्हें कहीं न कहीं कोच के रूप में इन्हें अपनी टीम का हिस्सा बनाकर हिस्सा बना करके प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। खेल और खिलाड़ियों को डबल इंजन की सरकार प्रोत्साहित करने को पूरी ताकत के साथ कार्य करेगी। ”
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहली बार प्रदेश में हम लोगों ने एकलव्य कीड़ा कोष की स्थापना की है और 23-24 के लिए 125 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को फैलोशिप देते हुए 32 लाख 35000 उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से अभी अंतरण किया गया है। इस अवसर पर मैं उन सभी खिलाड़ियों को भी हृदय से उनका अभिनंदन करता हूं जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश को पहुचांया। आज यहां लाइब्रेरी को देखा है और मैं चाहूंगा हर विद्यार्थी इस लाइब्रेरी मे जाकर देखे कि यह प्रधानमंत्री मोदी जी का मिशन है। लाइब्रेरी अपने आप में स्मार्ट सिटी मिशन की सफलता को एक नया आयाम प्रदान करती है और साथ-साथ यहां पर मेजर ध्यानचंद जी का म्यूजियम भी बनाया गया है।”
उन्होंने कहा कि सरकार बुंदेलखंड के तीव्र विकास के लिए लगातार प्रयासरत है इसी क्रम में 38000 एकड़ क्षेत्रफल में नोएडा ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर हम लोग बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास के लिए एक नए कार्यक्रम बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलप्मेंट एथॉरिटी (बीडा)को लेकर के आए हैं और इसके माध्यम से 8000 करोड रुपए की परियोजना में 6000 रुपए हमने बुंदेलखंड को पहले रिलीज कर दिए हैं। जिसमें औद्योगिक गलियारा बनेगा और मैं कहूंगा अब तक बुंदेलखंड का नौजवान नौकरी रोजगार के लिए भले ही बुंदेलखंड से पलायन कर रहा होगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ जब यहां पर औद्योगिक क्षेत्र बनेगा ।कार्य करने के लिए देश के लोग झांसी बुंदेलखंड में आएगे और बुन्देलखण्ड नौकरी और रोजगार के एक नए हब के रूप में स्थापित होगा। इसके बीच में बनेगा एक नया एयरपोर्ट।बुंदेलखंड में दो एयरपोर्ट होंगे एक झांसी में और दूसरा एक चित्रकूट में। तो मुझे अच्छा लगता है कि बुंदेलखंड विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। जितना पैसा चाहिए बुंदेलखंड के लिए उतना पैसा वहां के विकास के लिए लगाएंगे ।