नई दिल्ली, माल एवं सेवाकर परिषद नेआज एक राज्य से दूसरे राज्य में माल परिवहन के लिये इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली युक्त ई-वे बिल व्यवस्था को एक अप्रैल से लागू करने का फैसला किया. कारोबारियों के लिये जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की सरल व्यवस्था को लेकर वह कोई फैसला नहीं ले सकी, इसलिये इसकी मौजूदा व्यवस्था को ही तीन माह के लिये बढ़ा दिया गया है. उद्योग एवं व्यावसायियों के लिये जीएसटीआर-3 बी की मौजूदा व्यवस्था जून तक जारी रहेगी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की आज हुई बैठक के बाद संवाददाताओं को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि रिटर्न फार्म के सरलीकरण को लेकर राज्यों में एकमत नहीं बन पाया. यही वजह है कि रिटर्न भरने की मौजूदा व्यवस्था को ही तीन माह के लिये बढ़ा दिया गया. रिटर्न फार्म को सरल बनाने पर मंत्रियों का समूह काम करेगा.
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य दोनों ही चाहते हैं कि रिटर्न भरना सरल होना चाहिये लेकिन इसके साथ ही वह यह भी चाहते हैं कि इसमें कर चोरी भी रुकनी चाहिये. इसलिये यह फैसला किया गया कि कारोबारी अपने बिक्री ब्यौरे वाली जीएसटीआर-3 बी और अंतिम बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-1 को ही जून तक भरते रहेंगे. जेटली ने कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य में माल के परिवनह के लिये एक अप्रैल से ई-वे बिल व्यवस्था को लागू कर दिया जायेगा जबकि राज्यों के भीतर माल परिवहन के लिये ई-वे बिल व्यवस्था को15 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा.
इसके लिये सभी राज्यों को चार समूहों में बांटा गया है. राज्यों के पहले समूह की घोषणा सात अप्रैल को की जायेगी. सभी राज्यों में यह व्यवस्था एक जून तक लागू हो जायेगी. ई-वे बिल व्यवस्था में50,000 रुपये से अधिक मूल्य का माल ले जाने पर ट्रांसपोर्टर को जीएसटी कंप्यूटर प्रणाली से ई-वे बिल लेना होगा. माना जा रहा है कि ई-वे बिल से कर चोरी रुकेगी और कर संग्रह बढ़ेगा. इससे वर्तमान में नकद में हो रहे कारोबार पर रोक लगेगी.