नयी दिल्ली , सरकार दस साल और उससे अधिक पुराने दीवानी और आपराधिक मामलों के जल्दी निपटारे पर जोर दे रही है।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि वह उच्च न्यायालय के सभी मुख्य न्यायाधीश को लंबित पड़े दस साल पुराने दीवानी और आपराधिक मामलों के जल्द निपटारे के लिए पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार केवल बुनियादी ढांचा दे सकती है लेकिन अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। अदालतों में लंबित मामलों के निपटारे हो रही देरी के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं।
श्री प्रसाद ने कहा है कि मंत्रालय जेल के कैदियों की जाति और पंथ के आधार पर सूची नहीं देता है लेकिन वह अलग अलग उच्च न्यायालय को पत्र भी लिख रहे हैं ताकि वे मुकदमे में फंसे लोगों के अधिकारों की रक्षा कर सकें। अगर कोई व्यक्ति अपने अपने सजा कार्यकाल का 50 फीसदी समय पूरा करता है और महिलाएं अपना 25 फीसदी टर्म पूरा करती हैंए तो अदालत उसे रिहा करने का फैसला ले सकती है।