Breaking News

100 की उम्र में दौड़ती है जिंदगी जहां 65 में बनती हैं कई मां

pkनयी दिल्ली, आहार-विहार और लंबी उम्र के परस्पर गहरे संबंध पर वैज्ञानिकों की कसौटी पर खरी उतरी इस धरती पर एक जगह ऐसी भी है जहां लोग ढलती उम्र में भी सरपट दौड़ लगाते हैं और दादी-नानी की उम्र में कई महिलाएं बच्चों को जन्म देती हैं।
आर्यावत की कोख में जन्मी यह हुंजा दुनिया कभी भारत का अहम हिस्सा थी जो अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गिलगिट, बाल्टिस्तान के पहाड़ों पर बसती है। हिमालय की पर्वतमाला पर स्थित हुंजा दुनिया की छत  कहलाता है। यह भारत के उत्तरी छोर पर स्थित है जहां से आगे भारत, पाकिस्तान, चीन,अफगानिस्तान की सीमाएं मिलती हैं।
प्रकृति के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाले हुंजा के लोगों की औसत उम्र 110से 120 वर्ष तक मानी जाती है। माना जाता है कि कई लोग तो 150 वर्ष तक भी जीवित रहे हैं और चलते-फिरते दुनिया से विदा हो गए। बेहतरीन जीवन शैली , उत्तम -आहार , नियमित व्यायाम और खुशमिजाज मनोस्थिति समेत अनेक श्सदगुणों की बदौलत यहां के लोग वाकई में जीने के लिए खाने की वैज्ञानिकों की सलाह पर अमल करते हैं और ताउम्र स्वस्थ , जवां और सुंदर बने रहते हैं। कैंसर समेत अनेक जानलेवा बीमारियों से इनका संभवतर दूर का नाता है। इस समुदाय के लोगों को बुरुशो भी कहा जाता है। इनकी भाषा बुरुशास्की है । इन्हें सिंकदर महान की सेना का वंशज माना जाता है आैर कहा जाता है कि चौथी सदी में हुंजा बस्ती आबाद हुयी थी। इनकी आबादी लगभग 87 हजार है।
पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज के सीईओ एवं शहीद जुल्फिकार अली भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर प्रोफसर; डॉ़ द्ध जावेद अकरम ने विशेष बातचीत में आज कहा कि हुंजा घाटी को युवाओं का नखलिस्तान भी कहा जाता है। वर्ष 1984 में म्बुंदु नाम का एक शख्स जब लंदन एयरपोर्ट पर सिक्युरिटी चेक करवाने पहुंची, तो अधिकारी यह देखकर हैरान रह गये कि उनका जन्म वर्ष 1932 में हुआ था। उन्होंने पूरी तरह से उनकी उम्र के बारे में खोजबीन की और सही जानकारी के बाद ही उन्हें जाने दिया गया। इस घटना के बाद ही हुंजा के लोगों के बारे में अद्भुत जानकारियां दूर-दूर तक पहुंचीं। यहां के बाशिंदों की खास बात यह है कि ये बहुत खूबसूरत और जवान दिखते हैं। महिलाएं 65 साल तक की उम्र में भी संतान को जन्म दे सकती हैं। ऐसी महिलाओं का औसत 15 से 20 प्रतिशत है। उन्होंने कहाष्यहां के लोगों ने यह साबित कर दिया है कि पौष्टिक खानपान और उत्तम जीवनशैली से उम्र को चकमा दिया जा सकता है तथा लंबा और स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है। हुंजा के लोग खूब खुबानी;एप्रिकोट खाते हैं जो एंटीकैंसर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *