जौनपुर, कोरोना की काली छाया ने हर मन पर असर डाला था। कोई डर कर अवसाद में चला गया, तो कोई लड़कर इतिहास रचने की राह पर बढ़ चला। कुछ ऐसी ही कहानी है उत्तर प्रदेश में जौनपुर के 11 वर्षीय अनीश यादव की, जिन्होंने कोविड की चुनौती को स्वीकारते हुए खेलने कूदने और पढ़ने की उम्र में अपनी पहली किताब लिख डाली है। उनकी रचना ‘द अननोन प्लेस’ पुस्तक के रूप में मूर्तरूप ले चुकी है।
जौनपुर की शाहगंज तहसील पखनपुर निवासी अनीश राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से ताल्लुत रखते हैं। वह पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई के भतीजे हैं और प्रयागराज स्थित सेंट जोसफ स्कूल एण्ड कॉलेज में कक्षा छह के छात्र हैं। उन्होंने महज 11 साल में ही एक साहसिक शैली की किताब ‘द अननोन प्लेस’ लिख दी। दरअसल अनीश की जिज्ञासु प्रवृत्ति ने उसे लेखक बना दिया।
अपनी जिज्ञासा और अनुभवों को अनीश ने शब्दों में पिरोकर किताब का रूप दिया है। उनके पिता अजय यादव बताते हैं कि कोरोना काल में अनीश अखबार और टीवी के माध्यम से महामारी से हो रही समस्या को देखता-सुनता था। उसे घर से बाहर ना निकल पाने की टीस रहती थी। एक दिन उन्हें पता चला कि उसने साहसिक शैली से ओतप्रोत, अपनी जिज्ञासाओं और अनुभवों को लिपिबद्ध किया है और वह इसे पुस्तक की शक्ल देना चाहता है। पिता ने बेटे का हौसला बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप अंग्रेजी में 29 पेज की उसकी किताब तैयार है। उन्होंने बताया कि अनीश की पहली किताब आॅनलाइन बिक्री के लिये उपलब्ध है।