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12 किलोमीटर पत्नी की लाश कंधे पर रखकर चला मजबूर मांझी, नही मिली मदद

सोरपग द्गेेोकालाहांडी, ओडिशा के कालाहांडी मे एक आदिवासी शख्‍स को अपनी बीवी की लाश कंधे पर रखकर 12 किलोमीटर इसलिए पैदल चलना पड़ा क्‍योंकि उसके पास गाड़ी करने को रुपए नहीं थे। जिला अस्‍पताल प्रशासन ने उसे गाड़ी देने से मना कर दिया था।

आंसुओं में डूबी बेटी को साथ लेकर, दाना माझी ने अपनी बीवी अमंगादेई की लाश को भवानीपटना के अस्‍पताल से चादर में पलेटा, उसे कंधे पर टिकाया और वहां से 60 किलोमीटर दूर स्थित थुआमूल रामपुर ब्‍लॉक के मेलघर गांव की ओर बढ़ चला। टीबी से जूझ रही माझी की पत्‍नी की मौत हो गई थी। बहुत कम पैसा बचा था, इसलिए माझी ने अस्‍पताल के अधिकारियों से लाश को ले जाने के लिए एक गाड़ी देने को कहा।

”मैंने सबके हाथ जोड़े, मगर किसी ने नहीं सुनी। उसे लाद कर ले जाने के सिवा मेरे पास और क्‍या चारा था”

                              -दाना माझी

माझी लाश कंधे पर लिए करीब 12 किलोमीटर तक चलता रहा, तब कुछ लोगों ने देखा और अधिकारियों को खबर की। तब एक एम्‍बुलेंस भेजी गई जो लाश को मेलघर गांव लेकर गई।

आदिवासियों और दलितों के लिए विकास और बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं के वादे के बावजूद, नवीन पटनायक सरकार काम करने में विफल रही है।

                    -कालाहांडी के पूर्व सांसद भक्‍त चरन दास

कालाहांडी की जिलाधिकारी ब्रंदा डी ने दावा किया कि माझी ने गाड़ी का प्रबंध होने तक का इंतजार नहीं किया।  उन्‍होंने यह भी कहा कि राज्‍य सरकार की अंतिम संस्‍कार मदद योजना के तहत माझी को 2000 रुपए का अनुदान दिया गया है। इसके अलावा जिला रेड क्रॉस फंड के तहत भी उसे 10,000 रुपए मुहैया कराए गए हैं।

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