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12 बजे सोकर उठने वाले टायर्ड और रिटायर्ड लोगों से उम्मीद बेमानी:सीएम योगी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुये शनिवार को कहा कि 12 बजे सोकर उठने वाले युवा नहीं हैं बल्कि यह थके हुये और रिटायर्ड लोग है जिन्होने अपने कार्यकाल में प्रदेश की जनता और युवा वर्ग के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया था। ऐसे लोगों से जनता को कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिये।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर प्रदेश के एक करोड़ युवाओं को फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट योजना की शुरूआत करते हुये योगी ने कहा कि 12 बजे सोकर उठने वाले युवा नहीं है। प्रदेश की जनता को कोरोना महामारी में गुमराह करके वैक्सीन का विरोध करने वाले युवा नहीं हैं। यह सब टायर्ड हैं और रिटायर्ड हैं। इनसे उम्मीद मत करना, क्योंकि इन्होंने तो प्रदेश की जनता और प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा किया था।

युवाओं से खचाखच भरे अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में हर जिले से आए 60 हजार युवाओं को फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट की सौगात दी गई। योगी ने इस मौके पर हर कमिश्नरी पर फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट देने की घोषणा की। उन्होने डिजी शक्ति पोर्टल और डिजी शक्ति अध्ययन ऐप का भी शुभारंभ किया। ओलंपियन मीरा बाई चानू और उनके कोच विजय शर्मा को भी सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि दुनिया के अंदर जब भी भारत के युवाओं को अवसर मिला है, तो उन्होंने अपनी प्रतिभा का छाप वैश्विक मंच पर पूरी मजबूती के साथ रखा है। प्रदेश का युवा 2017 के पहले कहीं जाता था, तो कुछ जिले ऐसे थे कि उनके नाम पर होटल में कमरे नहीं मिलते थे और बाकी युवा कहीं जाता था, तो यह मान लिया जाता था कि नकल करके आया होगा या सिफारिशी होगा, इसलिए उसे प्रतियोगी परीक्षाओं से बाहर कर दिया जाता था। 2017 के पहले बेरोजगारी दर करीब 18 फीसदी थी और आज साढ़े चार फीसदी है। यह दिखाता है हमारे प्रयास सही दिशा की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हमें नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की ओर आगे कैसे बढ़ना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ था, सबसे पहली चुनौती हमारे सामने आई थी, जो बच्चे कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, उन बच्चों को कैसे उनके घर में सुरक्षित लाया जाए। राजस्थान सरकार सहयोग के लिए तैयार नहीं थी। मुझे उत्तर प्रदेश से बसें कोटा भेजनी पड़ी थीं। सभी 15 हजार बच्चों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने का कार्य किया गया था। तब हमने तय किया था कि अब हमारे प्रदेश के बच्चों को परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए प्रदेश के बाहर न जाना पड़े। इसके लिए हर कमिश्नर हेडक्वार्टर पर व्यवस्था होनी चाहिए। आज हमने अभ्युदय कोचिंग की व्यवस्था हर कमिश्नरी में की है, उसे अब हर जिले स्तर पर ले जा रहे हैं। ऐसे 10 हजार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को भी फ्री में स्मार्टफोन और टैबलेट से जोड़ा जा रहा है।