नयी दिल्ली , कांग्रेस ने नोटबंदी के बाद पुराने नोटों के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए उच्चतम न्यायालय या संयुक्त संसदीय समिति की निगरानी में इन्हें नष्ट करने की पूर्णाहुति देने की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने आज यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि नोटबंदी के बाद भी कुछ योजनाओं के तहत पुराने नोट जमा कराये जा सकते हैं । प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत मार्च तक तथा प्रवासी भारतीय जून तक पुराने नोट जमा करा सकते हैं जबकि अन्य लोग भी उचित कारण बताकर मार्च तक ये नाेट रिजर्व बैंक में जमा करा सकते हैं । इसलिए जमा हो चुके पुराने नोटों के दुरूपयोग की आशंका है ।
श्री तिवारी ने कहा कि इस दुरुपयोग को रोकने के लिए पुराने नोटों की श्पूर्णाहुतिश् उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त किसी समिति या संयुक्त संसदीय समिति की देखरेख में की जानी चाहिए ।
उन्हाेंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार 14 लाख 86 हजार करोड़ रुपये के मूल्य के नोटों को प्रचलन से बाहर किया गया लेकिन रिजर्व बैंक या सरकार के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि ये किनकी देखरेख में रखे जाएंगे और इनका क्या किया जाएगा ।
नोटबंदी को लेकर सरकार पर फिर सवाल दागते हुए उन्होंने पूछा कि 30 दिसंबर तक 500 और 1000 रुपये के कितने पुराने नाेट जमा हुए ए इसमें कितने जाली नोट थे और आतंकवादियों के वित्त पोषण में कितनी कमी आयी है । मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर के अपने भाषण में नोटबंदी के यही तीन लक्ष्य बताये थे । लेकिन नोटबंदी की समय-सीमा समाप्त होने के तीन दिन बाद भी सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक ने कालेधन के बारे में कोई पुख्ता सूचना नहीं दी है ।
मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सवा सौ करोड़ भारतीयों पर नोटबंदी की श्सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले प्रधानमंत्री अब मौखिक दंगल से बाहर निकलकर इन प्रश्नों का सीधा जवाब दें ।