नई दिल्ली, सड़कों से पुराने वाहनों को हटाने की दिशा में सरकार तेजी से कदम बढ़ाएगी। इसके तहत 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग (तोड़ने) की नीति का मसौदा 15 दिनों में तैयार कर लिया जाएगा। पहले चरण में ऐसे करीब 15 लाख वाहनों को स्क्रैप करने की योजना है। केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। गडकरी ने बताया कि इन वाहनों में ज्यादातर ट्रक और बसें शामिल हैं। इन्हें प्रस्तावित स्वैच्छिक वाहन बेड़ा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (वी-वीएमपी) के तहत हटाया जाएगा। भारी वाहनों से 65 फीसद वाहन प्रदूषण होता है। इन वाहनों की स्क्रैपिंग कांडला जैसे इंडस्ट्रियल क्लस्टर में होगी। इसकी स्थापना सरकार की महत्वाकांक्षी सागरमाला परियोजना के तहत की जानी है। गडकरी ने पिछले सप्ताह इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। तब जेटली ने इस नीति को स्वैच्छिक की बजाय अनिवार्य बनाने को कहा था। वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि उत्पाद शुल्क में छूट की बजाय इसके लिए आवश्यक फंड बजट से मुहैया कराया जाएगा। गडकरी के अनुसार नीति के तहत प्रत्येक स्क्रैप किए जाने वाले भारी वाहन के लिए दो से तीन लाख रुपये का लाभ दिया जा सकता है। सरकार इस बाबत जीएसटी परिषद की भी मंजूरी ले सकती है क्योंकि इससे टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव होने की उम्मीद है।