लखनऊ, उत्तर प्रदेश में इस साल बरसात के महीने के दौरान एक दिन में 35 करोड़ पौधों को रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
आधिकारिक सूत्राें ने शनिवार को बताया कि हरियाली बढ़ाने, बेहतर आबोहवा एवं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बारिश के आगामी सीजन में योगी सरकार एक बार फिर एक दिन में पौधरोपण का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगी। इस बार लक्ष्य एक दिन में 35 करोड़ पौधरोपण का है।
पौधरोपण की नोडल एजेंसी वन विभाग की निगरानी में सरकार के 27 विभाग मिलकर रिकॉर्ड पौधरोपण के इस अभियान को सफल बनाएंगे। संबंधित विभागों को कितना पौधरोपण करना है, इसका लक्ष्य पहले से तय है। पौधरोपण के लिए वन विभाग एवं उसकी देखरेख में कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) की नर्सरियों में करीब 54 करोड़ स्वस्थ्य पौधे तैयार हैं।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार पौधारोपण की सही तिथि फिलहाल निर्धारित नहीं की गयी है मगर मानसून के रुख को देखकर यह तय कर लिया जायेगा। उम्मीद इस बात की है कि जुलाई में किसी दिन यह महाअभियान चलेगा। ऐसा इसलिए कि पर्याप्त मात्रा में नमी मिलने से रोपे गये पौधों में से अधिकतम का सर्वाइवल हो।
उल्लेखनीय है कि अपने पहले कार्यकाल से ही प्रदेश में हरीतिमा बढ़ाने एवं इससे होने वाले अन्य दूरगामी लाभों के मद्देजर योगी सरकार का जोर अधिक्तम पौधरोपण पर रहा है। इस क्रम में अब तक अपने पहले कार्यकाल में प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए हर साल रिकॉर्ड पौधरोपण के क्रम में 100 करोड़ से अधिक का पौधरोपण हुआ। इसका नतीजा भी सामने है।
स्टेट ऑफ फारेस्ट की रिपोर्ट 2021 के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के 9.23 फीसद हिस्से में वनावरण है। 2013 में यह 8.82 फीसद था। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के दौरान कुल वनावरण एवं वृक्षावरण में 91 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2030 तक सरकार ने इस रकबे को बढ़ाकर 15 फीसद करने का लक्ष्य रखा है।
इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए योगी सरकार-2.0 ने अगले पांच साल में 175 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा है। इस क्रम में पिछले साल भी 35 करोड़ पौधे लगाए गए थे। इस साल और इसके अगले चार साल के लिए लिए भी 35-35 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य है।
सरकार की मंशा है कि वर्षा काल में जो पौधरोपण हो वह संबंधित क्षेत्र के एग्रो क्लाइमेट जोन (कृषि जलवायु क्षेत्र) के अनुसार हो। अलग-अलग जिलों के लिए चिन्हित 29 प्रजाति और 943 विरासत वृक्षों को केंद्र में रखकर पौधरोपण का अभियान चलेगा। इसमें राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के साथ देशज पौधे पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे औषधीय पौधों को वरीयता दी जाएगी।
अभियान को सफल बनाने में पर्यावरण सेनानियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पर्यावरण सेनानी में कृषक एवं प्रधानमंत्री सम्मान के लाभार्थी, गंगा प्रहरी, सशक्त बल, महिलाएं, दिव्यांग, कम आय समूह, दृष्टिबाधित, मनरेगा जॉब कार्ड धारक, स्वयंसहायता समूह, ग्राम स्तरीय एवं नगर विकास कर्मी, वनकर्मी, आदिवासी-वनवासी, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के लाभार्थी, शिक्षक-विद्यार्थी और महिलाएं शामिल हैं।