नई दिल्ली, समाजवादी पार्टी में हुई दो फाड़ की पृष्ठभूमि में यदि चुनाव आयोग यह तय नहीं कर पाता है कि संगठन में किस पक्ष के पास बहुमत है तो पार्टी के चुनाव चिन्ह यानी साइकिल के इस्तेमाल पर उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले रोक लगाई जा सकती है। पिछले सप्ताह पार्टी के दो हिस्सों में बंट जाने के बाद मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के नेतृत्व में दो अलग-अलग धड़ों ने पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था।
दोनों ही पक्षों ने अपने दावे के पक्ष में कुछ दस्तावेज भी जमा कराए थे। आयोग ने उन्हें पार्टी के नाम और चिन्ह पर दावा करने के लिए विधायकों और पदाधिकारियों के हस्ताक्षर वाले शपथपत्र मुहैया कराने का वक्त दिया है। जिस पक्ष के पास सांसदों, विधायकों, पार्षदों और प्रतिनिधियों का बहुमत:50 प्रतिशत जमा एकः होगा, उसे 25 साल पहले गठित इस दल का नियंत्रण हासिल करने की लड़ाई में प्रमुखता मिलेगी। सूत्रों ने कहा कि आयोग को 17 जनवरी से पहले तय करना होगा कि सपा में किसके पास बहुमत है। 17 जनवरी को विधानसभा चुनाव के पहले चरण की अधिसूचना लागू होनी है। पहले चरण के लिए चुनाव दो फरवरी को होंगे। यदि 17 जनवरी से पहले न आया चुनाव आयोग का फैसला, तो मुलायम सिंह की होगी साइकिल।