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अयोग्य ठहराए गए नौ एथलीट, पदक छिने

dope-testलुसाने,  छह पदक विजेताओं समेत नौ और एथलीटों को पूर्व तिथि से 2008 के बीजिंग ओलिंपिक से अयोग्य ठहरा दिया गया, जब वो अपने डोप के नमूने की दोबारा जांच में विफल रहे। अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने एथलीटों पर ताजा प्रतिबंधों की घोषणा अपने फैसले में की। इन एथलीटों के भंडारित नमूने डोप में सकारात्मक पाए गए, जब सुधरे हुए तरीके से उसकी दोबारा जांच की गई। चार एथलीटों से रजत पदक छीन लिया गया जबकि दो एथलीटों से कांस्य पदक छीना गया. ये पदक भारोत्तोलन, कुश्ती और महिलाओं के स्टीपलचेज में जीते गए थे। सभी छह एथलीट पूर्व सोवियत देशों-रूस, बेलारूस, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान से आते हैं और सब स्टेरॉयड लेने के लिए जांच में सकारात्मक पाए गए।

आईओसी ने ओलंपिक एजेंडा 2020 के लिए बनाए गए रोडमैप में एथलीटों की साफ छवि और डोपिंग के खिलाफ लड़ाई को शीर्ष प्राथमिकता बनाया है। 2016 के रियो ओलंपिक में सभी साफ छवि वाले खिलाडियों को शामिल करने के मकसद से आईओसी ने कुछ खास उपाय किए, जिनमें प्री-टेस्ट और बीजिंग ओलंपिक 2008 और लंदन ओलंपिक 2012 के संग्रहित नमूनों का पुर्नविश्लेषण शामिल था। इसकी खुफिया जानकारी जुटाने की प्रक्रिया अगस्त 2015 में शुरू कर दी गई थी। इसी कार्रवाई के तहत 8 खिलाडियों पर गुरुवार को आईओसी ने प्रतिबंध लगाया।

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