नई दिल्ली, देश में कृषि क्षेत्र में सुधारों के आधार पर तैयार किए गए नीति आयोग के सूचकांक में महाराष्ट्र सर्वाधिक कृषक अनुकूल राज्य है। उसके बाद क्रमशः गुजरात और राजस्थान का स्थान है। अपनी इस तरह की पहली कवायद में आयोग ने कृषि विपणन और कृषक अनुकूल सुधार सूचकांक तैयार किया है। यह सूचकांक राज्यों द्वारा कृषि क्षेत्र की नीतियों और कार्यक्रमों में सुधारों की दिशा में की गयी पहल पर आधारित है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सुधारों के क्रियान्वयन के मामले में महाराष्ट्र पहले पायदान पर है। राज्य ने कृषि मंडी विपणन के क्षेत्र में ज्यादातर सुधारों को क्रियान्वित किया है और यह राज्य अन्य राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बीच कृषि कारोबार करने के लिये बेहतर माहौल की पेशकश करता है। इसमें आगे कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में सुधारों के संदर्भ में 29 में से 20 राज्यों का प्रदर्शन खराब है। इनमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, असम, झारखंड, तमिलनाडु तथा जम्मू-कश्मीर भी शामिल हैं।
सूचकांक में राज्यों को प्राप्त अंक के आधार मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है। उसके बाद क्रमशः हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, गोवा तथा छत्तीसगढ़ का स्थान है। सूचकांक का मकसद राज्यों को कृषि क्षेत्र में समस्याओं को चिन्हित करना एवं उसका समधान करने में मदद करना है। कृषि क्षेत्र कम वृद्धि, कम कृषि आय और कृषि समस्याओं से ग्रस्त है। नीति आयोग ने कृषि आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सुधारात्मक कार्रवाई हेतु जिन क्षेत्रों में की पहचान की है, उसमें कृषि विपणन सुधार, जमीन पट्टा सुधार तथा वानिकी या निजी जमीन से संबंधित सुधार शामिल हैं। बयान के अनुसार, विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सुधारों का विस्तार से अध्ययन से पता चलता है कि सुधार अभी अपूर्ण और आंशिक है तथा इसे हल्के ढंग से क्रियान्वित किया गया है।