नई दिल्ली, गुवाहाटी और दिल्ली हाईकोर्ट में जजों की भर्ती के लिए 10 नामों को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है। राष्ट्रपति से अनुमति हासिल करने के लिए जजों के नामों को उनके पास भेजा गया है। दिल्ली हाइकोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति न्यायिक सेवा परीक्षा के तहत होगी, जबकि गुवाहाटी हाइकोर्ट नें पांच जजों की नियुक्ति बार और राज्य न्यायिक सेवा के तहत होगी।शुक्रवार को प्रधान न्यायधीश जस्टिस टी एस ठाकुर ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार न्यायपालिका की ताकत को कमजोर करने में जुटी हुई है।
जजों की कमी पर सुप्रीम कोर्ट अक्सर केंद्र सरकार की खिंचाई करती है। इन सबके बीच केंद्र सरकार इलाहाबाद हाइकोर्ट के लिए भी 35 जजों की नियुक्ति पर विचार कर रही है। इलाहाबाद हाइकोर्ट में पिछले जनवरी से 8 जजों की जगहें खाली हैं, जो अभी तक भरी नहीं गई हैं। हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति की सामान्य प्रक्रिया में हाइकोर्ट का कॉलेजिम जजों के नाम को केंद्र सरकार को भेजता है। आइबी रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार की तरफ से उन नामों को सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम के पास भेजा जाता है। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम से सहमति मिलने के बाद केंद्र सरकार उन नामों को राष्ट्रपति की इजाजत के लिए भेज देता है। अगर केंद्र सरकार की कॉलेजियम के फैसले से असहमति होती है तो उन नामों को दोबारा कॉलेजियम के पास भेज दिया जाता है।