श्रीनगर, जम्मू -कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने वर्ष 2010 के आईएएस टॉपर के समर्थन में कहा है कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग डीओपीटी शाह फैसल को लोक सेवा से बाहर करना चाहता है। शाह फैसल ने इस वर्ष अप्रैल में दुष्कर्म को लेकर ट्वीट किया था , जिसके बाद उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। डीओपीटी ने राज्य सरकार से दुष्कर्म के बारे में ट्वीट करने के लिए शाह के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने को कहा था। इसके बाद राज्य प्रशासन विभाग ने शाह फैसल को नोटिस भेजा।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य प्रशासन आईएएस अधिकारी को नोटिस भेज कर दंड दे रहा है। नोटिस की आखिरी पंक्ति हैरान करने वाली और अस्वीकार्य है जहां उन्होंने शाह की सत्यनिष्ठा और ईमानदारी पर सवाल उठाया है। उन्होंने सवाल किया कि व्यंगात्मक ट्वीट बेईमान कैसे हो सकता है और शाह को कैसे भ्रष्टाचारी बनाता है ? पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कियाए ष्डीओपीटी शाह फैसल को लोक सेवा से बाहर करना चाहता है। नोटिस की अंतिम पंक्ति हैरान करने वाली और अस्वीकार्य है जहां उन्होंने फैसले की श्सत्यनिष्ठा और ईमानदारीश् पर सवाल उठाया है। व्यंगात्मक ट्वीट बेईमान कैसे हो सकता है यह उसे फैसल भ्रष्टाचारी कैसे बनाता है।
उमर अब्दुल्ला ने शाह के समर्थन में लिखा कि आपको राजस्थान और अन्य जगह के अधिकारियों से कोई समस्या नहीं है, सरकार और संंहिता के मानक तय हैं जिसकी वजह से बलात्कार पर फैसल के ट्वीट ने आपको परेशान कर दिया है। यह मेरे लिए आश्चर्यजनक नहीं है! शाह वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका से परास्नातक कर रहे हैं। मंगलवार को लोगों के बीच कारण बताओ नोटिस के साथ गए और नौकरशाहों के लिए चुप रहने के सरकारी आदेश पर सवाल उठाए। उन्होंने कहाकि मेरे बॉस ने मुझे दक्षिण एशिया में बलात्कार.संस्कृति के खिलाफ व्यंगात्मक ट्वीट करने के लिए प्रेम पत्र भेजा है।
उन्होंने फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से कहा कि लोकतांत्रिक भारत में उपनेविशवादी मानसिकता को बढ़ाया जा रहा है और लोगों की स्वतंत्र चेतना को दबाया जा रहा है। फैसल ने कहाकि मैं यह शासन में बदलाव लाने के लिए कर रहा हूं। शाह ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था- ष्जनसंख्या+पितृसत्ता+ निरक्षरता+एल्कॉहल+पॉर्न+तकनीक+अराजकता =रेपिस्तान।ष्हालांकि, कुछ लोगों ने भारत को रेपिस्तान कहने वाले मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें घेरा। लेकिन, आईएस अधिकारी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहाकि आपको कैसे लगता है कि यह भारत के बारे में है, मैं लगता है कि आप प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करना भूल गए।