सहारनपुर, उत्तर प्रदेश की सहारनपुर लोकसभा सीट पर 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार कम मतदान हुआ।
अधिकृत सूत्रों के अनुसार सहारनपुर में 68.097 फीसद वोट पडे जबकि 2019 में 70 फीसद, 2014 में 74.82 फीसद मतदान हुआ था। 2009 में हालांकि 63.24 फीसद वोट पडे थे। 2014 में भाजपा के राघव लखन पाल चार लाख 72 हजार वोट पाकर सांसद चुने गए थे और इमरान मसूद को चार लाख सात हजार वोट पडे थे।
2019 में मतदान प्रतिशत गिरा और भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा करीब 23 हजार वोटो से बसपा के हाजी फजर्लुरहमान से हार गए थे। राघव लखनपाल को चार लाख 91 हजार फजर्लुरहमान को पांच लाख 14 हजार वोट मिले थे।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। इस बार का चुनाव 2014 और 2019 से इस मायने में भिन्न रहा कि अबकी मतदाताओं पर जातीय असर ज्यादा हावी रहा।
कमिश्नर डा. हृषिकेश भास्कर यशोद, डीआईजी अजय साहनी ने देर शाम बताया कि सहारनपुर मंडल की तीनों सीटों सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और कैराना में कही से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। कुछ स्थानों पर मतदान शुरू होने के बाद कुछ ईवीएम मशीनों में खराबी पाई गई जिन्हें तत्काल बदल दिया गया। कही से भी फर्जी मतदान या बूथ कब्जाने की घटनाएं भी सामने नहीं आई।
जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र सिंह ने दोनो लोकसभा क्षेत्रों की सातों विधान सभा सीटों के तहत 1303 मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। एसएसपी डा. विपिन ताडा भी उनके साथ थे। डीएम डा. सिंह ने मतदाताओं के उत्साह और शांतिपूर्वक मतदान करने पर उन्हें बधाई दी। सभी राजनीतिक दलों द्वारा मिले सहयोग का आभार जताया।
इंडिया गठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद, बसपा के माजिद अली, कैराना सीट से इकरा हसन और वीआईपी सीट मुजफ्फरनगर से केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और बिजनौर से रालोद युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन चैहान और नगीना सुरक्षित सीट से प्रमुख दलित नेता चंद्रशेखर का भाग्य इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ईवीएम में बंद हो गया है। इन चारो सीटों में से कैराना और मुजफ्फरनगर सीट पर मौजूदा सांसद चुनाव मैदान में थे।