नयी दिल्ली, सरकार ने आज बताया कि कृषि रिण के कारण किसानों की आत्महत्या मामलों के बारे में वर्ष2016 के बाद से कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है क्योंकि कृह मंत्रालय ने अभी तक इसके बारे में रिपोर्ट प्रकाशित नहीं किया है।
गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो अपने‘‘ भारत में आकस्मिक मौत और आत्महत्या’’ शीर्षक वाली रपट में आत्महत्याओं के बारे में आंकड़े जुटाती है और इसकी जानकारी देती है।
कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया, ‘‘ वर्ष2015 तक आत्महत्या के बारे में ये रिपोर्ट उसके वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। वर्ष2016 के बाद की रिपोर्ट अभी तक प्रकाशित नहीं की गई है। सदन में पेश किये गये आंकडों के अनुसार वर्ष2015 में किसानों की आत्महत्या के मामलों की संख्या3,097 और वर्ष2014 में1,163 थी।