कोलकाता, बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगर बोर्ड न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करता है तो भारत को अगले साल इंग्लैंड में होने वाली चैम्पियंस ट्राफी से हटना पड़ेगा। लोढा पैनल द्वारा सुझाये गये सुधारों के अनुसार आईपीएल से पहले या बाद में 15 दिन की विंडो होनी चाहिए। चैम्पियंस ट्राफी एक से 18 जून तक होनी है और आईपीएल के मई के अंतिम हफ्ते में समाप्त होने की उम्मीद है। ठाकुर ने कहा, मैं नहीं जानता कि भारत चैम्पियंस ट्राफी में खेलने योग्य होगा या नहीं। अगर आप लोढा समिति की रिपोर्ट के अनुसार चलोगे तो आपको या तो आईपीएल खेलना होगा या फिर चैम्पियंस ट्राफी में। इसलिये बीसीसीआई को इस पर फैसला लेना होगा। बढ़ते राजनीति तनाव को देखते हुए जब भारत को पाकिस्तान के अलावा किसी अन्य ग्रुप में शामिल किये जाने के संबंध में सवाल पूछा गया तो ठाकुर ने कहा, आईपीएल और चैम्पियंस ट्राफी से पहले आस्ट्रेलियाई सीरीज है। इसलिये बीसीसीआई को फैसला करना होगा कि वे आईपीएल में खेलें या चैम्पियंस ट्राफी में – अगर आपको लोढा समिति की सिफारिशों को पूर्णतया लागू करना है तो आपको इनमें से एक का चयन करना होगा। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान का सवाल तो तब उठेगा जब भारत चैम्पियंस ट्राफी में खेलेगा। यह पूछने पर कि आईपीएल का कार्यक्रम अलग तरह से बनाया जा सकता है तो ठाकुर ने कहा, तुम मुझे बताओ तुम इसे कैसे कर सकते हो।
मैं तुम्हें विंडो दे दूंगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह समस्या हर साल होगी, उन्होंने कहा, आपके पास कुछ महीने भारत में खेलने के लिये होते हैं। आईपीएल के लिये एक विंडो उपलब्ध है इसलिये आपको फैसला करना होगा क्योंकि दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली लीग, जिसने दुनिया को दिखा दिया है कि आप घरेलू क्रिकेट को इतना लोकप्रिय कैसे बना सकते हो और फुटबाल, हाकी, बैडमिंटन, कबड्डी जैसी अन्य लीगों के जन्म देने के लिये प्रेरित करने वाली लीग, आगे चलना चाहिए या नहीं। ठाकुर ने यह भी कहा कि बीसीसीआई ने हाल में काफी सुधार किये हैं। उन्होंने कहा, अगर आप बीसीसीआई को देखो तो यह सुधारों के बारे में हमेशा खुला है। पिछले 18 महीनों में मैंने पहले क्रिकेट सलाहकार समिति गठित की, सचिन तेंदुकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली को शामिल किया। कोचों का चयन- राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य वित्तीय अधिकारी की नियुक्ति करना। हमने पिछले 18 महीनों में कई कदम उठाये हैं, यह लंबी सूची है। उच्चतम न्यायालय की रास्ते पर आओ वर्ना हम तुम्हें रास्ते पर ला देंगे की टिप्पणी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, मैंने यह पंक्ति उच्चतम न्यायालय के आदेश में नहीं देखी जैसी कि मीडिया में आयी थी।