जम्मू , डोगरी एवं हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक जे पी सराफ को दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए वर्ष 2018 के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। छात्रपाल के नाम से प्रसिद्ध जे पी सराफ एक कुशल प्रसारक और अनुवादक भी हैं।
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता जे पी सराफ को यह पुरस्कार वयस्क दिव्यांग छात्रों के लिए काम करने के लिए दिया गया है।यह पुरस्कार केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं आधाकारिता मंत्रालय की ओर से दिया जाता है। पुरस्कार के तहत एक स्मृति चिह्न प्रशस्ति पत्र और नकद राशि दी जाती है। जे पी सराफ को यह पुरस्कार तीन दिसंबर को नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा।
श्री छात्रपाल ने टैगोर और कमलेश्वर के प्रसिद्ध उपन्यासों समेत करीब 10 पुस्तकों का अनुवाद भी किया है। श्री छात्रपाल को वर्ष 2016 में साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2015 में अनुवाद के लिए पुरस्कार से नवाजा गया था।जे पी सराफ ने 1980 में शारीरिक रूप से अक्षम और दृष्टिहीन छात्रों के पुनर्वास के लिए समर्पित एक स्वैच्छिक संगठन की स्थापना भी की थी। वह इस संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं।