2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य संभव: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और अगर यही गति रही, तो 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य संभव है।

लोक भवन सभागार में “समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान के शुभारंभ के अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुये उन्होने उत्तर प्रदेश की जनता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत और यूपी का भविष्य कैसा हो, यह हमें तय करना है। हमें अपने युवाओं को तैयार करना है, क्योंकि हम जिस मनोदशा में जिएंगे, उसी दिशा में आगे बढ़ेंगे। हमें कैसा भारत और उत्तर प्रदेश चाहिए, यह हमारे विजन में होना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘समर्थ उत्तर प्रदेश’ पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल प्रदेशवासियों को अपने सुझाव देने का मंच प्रदान करेगा, जो 12 प्रमुख सेक्टरों कृषि, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी-टेक्नोलॉजी, पर्यटन, नगर व ग्राम्य विकास, आधारभूत संरचना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा व सुशासन- पर केंद्रित विजन डॉक्यूमेंट का हिस्सा बनेंगे। विजन डॉक्यूमेंट “अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति” थीम पर आधारित है।

कार्यशाला में प्रशासन, पुलिस, वन सेवा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों से सेवानिवृत्त 400 से अधिक अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला की शुरुआत में 2017 के बाद उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा और विजन@2047 पर आधारित एक लघु फिल्म दिखाई गई।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश’ शताब्दी संकल्प अभियान के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार निरंतर प्रयत्नशील है। इस अभियान में 25 करोड़ जनता को भागीदार बनाना है। आप सभी प्रबुद्धजनों का सहयोग युवाओं को जागरूक करने और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगा। रिटायर्ड होने का मतलब टायर्ड होना नहीं है। आपका अनुभव इस अभियान को गति देगा।

उन्होने कहा कि 16वीं-17वीं शताब्दी में भारत वैश्विक जीडीपी में 25 प्रतिशत हिस्सा रखता था, जो 1947 तक दो फीसदी रह गया। 2014 में भारत 11वीं अर्थव्यवस्था था, लेकिन आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2027 तक तीसरी बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। अगर यही गति रही, तो 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य संभव है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 1947 और 1960 तक यूपी का राष्ट्रीय जीडीपी में योगदान 14 फीसदी था, लेकिन 2016-17 तक यह आठ प्रतिशत हो गया और यूपी आठवीं अर्थव्यवस्था बन गया। बीते आठ वर्षों में हमने निराशा को उत्साह में बदला। आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रकृति और परमात्मा की कृपा से यूपी के पास सब कुछ है, बस संकल्प की जरूरत है।

उन्होने प्रख्यात वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु का जिक्र करते हुए कहा कि जैसी मनोदशा होगी, वैसा विकास होगा। बसु ने दो पौधों पर प्रयोग किया, एक को प्रेरित किया, तो वह बड़ा वृक्ष बना, जबकि दूसरे को धिक्कारा, तो वह मुरझा गया। उन्होंने कहा कि यह जीव मात्र पर लागू होता है। मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। यूपी और भारत की स्थिति भी यही थी। नकारात्मकता से निराशा बढ़ी, लेकिन अब उत्साह का माहौल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016-17 से पहले यूपी बीमारू कहलाता था, लेकिन अब सकारात्मक बदलाव आया है। जीएसडीपी 13 लाख करोड़ से बढ़कर इस वर्ष 35 लाख करोड़ होने जा रही है। प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हुई है। कोविड काल में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना से एमएसएमई को बढ़ावा मिला, जिससे निर्यात 2 लाख करोड़ तक पहुंचा। कोविड में 1 करोड़ लोगों को रहने-खाने की व्यवस्था दी गई, जिसमें 40 लाख यूपी के कारीगर थे। एक भावुक किस्सा साझा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि बिहार चुनाव के दौरान एक गरीब व्यक्ति ने खाली डिब्बा दिखाकर उन्हें धन्यवाद दिया, जो कोविड के समय में यूपी में मिले भोजन का था। उन्होंने कहा कि यह सेवा का भाव है, जो लोगों के मन में विश्वास जगाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभियान का पहला चरण प्रबुद्धजनों के साथ अकादमिक संस्थानों में गोष्ठियों से शुरू होगा। इसके बाद इसमें प्रदेश के मंत्री, सांसद, विधायक व केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे। हर ग्राम पंचायत और नगर निकाय के वार्ड में संकल्प लिया जाएगा। सुझाव QR कोड के माध्यम से लिए जाएंगे, जो शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म प्लानिंग पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल पर 36 घंटे और विकसित उत्तर प्रदेश पर 27 घंटे चर्चा हुई, जिसमें सभी दलों ने हिस्सा लिया। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की बात का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विकसित परिवार और गांव से विकसित भारत बनेगा।

उन्होने आईआईटी कानपुर के सेमिनार का जिक्र किया, जहां 1000 से अधिक टेक्नोक्रेट और 300 से ज्यादा इंडस्ट्री लीडर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और सस्टेनेबिलिटी पर मंथन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले यूपी में किसान आत्महत्याएं करते थे, एमएसएमई बंद हो गए थे, लेकिन अब बदलाव आया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी यूपी पहले केंद्र था, लेकिन बाद में पिछड़ गया। अब नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। सीएम योगी ने कहा कि कोई कारण नहीं कि अगर यूपी 8 वर्ष में बीमारू से ग्रोथ इंजन बन सकता है, तो 2047 में लक्ष्य हासिल न कर सके। हमें मानसिक रूप से तैयार होना है। उन्होंने सभी का धन्यवाद दिया और शताब्दी संकल्प 2047 के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान युवाओं में उत्साह जगाएगा और विकास की गति को तेज करेगा।

इस अवसर पर दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य व ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सूर्य प्रताप शाही, प्रभारी मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रमुख सचिव आलोक कुमार, संजय प्रसाद समेत अधिक संख्या में प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

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