नई दिल्ली, भारतीय क्रिकेट की लेडी तेंदुलकर मिताली ने भारतीय टीम को बहुत सी यादगार जीत दिलाई हैं। तभी तो उन्हें भारतीय महिला टीम की तेंदुलकर कहा जाता है। मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट की सुपरस्टार खिलाड़ी हैं। 2013 में जब मिताली के नेतृत्व वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम सुपर सिक्स के लिए भी क्वालिफाई नहीं कर पायी थी, तब मिताली की जमकर आलोचना हुई थी। उनके आलोचकों ने मिताली से कप्तानी छीनने की मांग तक कर डाली थी। कुछ लोगों ने तो मिताली को क्रिकेट से संन्यास लेने की सलाह तक दे डाली थी। मिताली ने वन-डे फॉर्मेट में 167 मैच खेल हैं और लगभग 50 के औसत से 5407 रन बनाए हैं। जिसमें 5 शतक और 40 अर्धशतक भी शामिल है।
मिताली वनडे क्रिकेट में 5000 से ज्यादा रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। इन्हीं रिकॉर्ड्स की वजह से उन्हें महिला क्रिकेट का तेंदुलकर कहा जाता है। बनना चाहती थी नृत्यांगना, बन गईं क्रिकेटर: बचपन में क्रिकेट का बल्ला थामने से पहले मिताली भरतनाट्यम सीख रही थीं। वो नृत्यांगना बनना चाहती थीं। देश-विदेश में अलग-अलग जगह अपनी नृत्य-कला का प्रदर्शन कर लोगों को अपना दीवाना बनाना चाहतीं थीं। लेकिन जब से मिताली ने क्रिकेट का बल्ला थामा तब से नृत्य-कला और मंच को छोड़कर क्रिकेट और मैदान को ही अपनी जिंदगी बनाने का फैसला किया। भले ही मिताली नृत्यांगना न बन पाई हों, लेकिन वे अपनी शानदार बल्लेबाजी से क्रिकेट के मैदान पर गेंदबाजों और फील्डर्स को खूब नाच नाचती आ रही हैं।