नई दिल्ली, जल्द ही लोग सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के स्तर के बारे में जान सकेंगे। दरअसल, पहली बार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) 25 संगठनों में रिश्वत के बारे में विचार जुटाने के लिए एक जन धारणा सूचकांक लाने जा रहा है। सीवीसी ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद को एक पायलट परियोजना का कार्य सौंपा है और साल भर के अंदर 25 संगठनों के लिए एक सूचकांक तैयार करने को कहा है। यह ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की करप्शन परसेप्शन इंडेक्स की तर्ज पर होगा। इसका उद्देश्य यह जानना है कि किसी विभाग ने भ्रष्टाचार पर लोगों के बीच अपनी कैसी छवि बनाई है और ऐसे कार्यों को रोकने के क्या तंत स्थापित किया है। सतर्कता आयुत टीएम भसीन ने बताया कि रेलवे, कोल इंडिया आदि जैसे 25 संगठनों को इसके लिए चुना गया है।
सतर्कता जागरूकता सप्ताह की शुरूआत पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीवीसी केवी चौधरी ने इससे पहले कहा कि भ्रष्टाचार में वृद्धि या कमी होने का पता लगाने के लिए विश्वसनीय आंकड़े की कमी है। उन्होंने बताया कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के आंकड़े हैं लेकिन आयोग इसका हवाला नहीं दे सकता क्योंकि यह भारत सरकार का विश्वसनीय आंकड़ा नहीं है। उन्होंने कहा, मैं इस बात को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं हूं कि विश्वसनीय अध्ययन है या नहीं लेकिन निश्चित तौर पर हम लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश कर रहे हैं। चौधरी ने बताया कि इस साल का थीम सत्यनिष्ठा को बढ़ावा और भ्रष्टाचार उन्मूलन में जन भागीदारी होगी। इसके शुभारंभ के एक घंटे के अंर दोपहर साढ़े 12 बजे तक 46,500 से अधिक लोगों ने संकल्प लिया। सीवीसी को उम्मीद है कि साल के आखिर तक 10 लाख लोग यह संकल्प लेंगे।