लखनऊ, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे आज 23 दिसम्बर से आम नागरिकों के लिए खोल दिया गया है. अभी एक्सप्रेस वे पर छोटी गाड़ियों को ही प्रवेश दिया जाएगा. ट्रक और बसों के प्रवेश की अनुमति नहीं है.
अखिलेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर 100 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से राजधानी से उन्नाव, कानपुर, हरदोई, कन्नौज, औरैया, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद जिलों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. 302 किलोमीटर वाला देश का सबसे लंबे इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के जरिये लखनऊ से आगरा तक की दूरी छह घंटे के बजाय महज साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी. फिर आगरा से 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस वे पकड़कर दिल्ली महज ढाई घंटे में पहुचा जा सकता है. यानि कि लखनऊ से दिल्ली अब सिर्फ छह घंटे ही दूर रह गई है.
एक्सप्रेस वे पर सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई तरह के उपाय किए हैं. इसके तहत एक्सप्रेस वे पर हर 30 किलोमीटर पर दोनों दिशाओं पर डायल-100 और 108-एम्बुलेंस के एक-एक वाहन तैनात रहेंगे. ये भी आदेश दिए गए हैं कि इन वाहनों में तैनात ड्राइवरों का ट्रांसफर अन्य जगह न किया जाए, ताकि ये सड़क मार्ग की पूरी जानकारी और चिन्हित अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों से परिचित हो जाएं. एक्सप्रेस वे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया गया हे. साइड बैरिकेडिंग में आधुनिक रिफ्लेक्टिव पेंट भी होगा. इसके दोनों किनारे पर ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए करीब तीन लाख पौधे लगाए जा रहे हैं.
इसके अलावा पेट्रोलिंग करने वाले वाहनों के लिए सम्बन्धित जनपदों में उचित स्थान तय किया जा रहा है. वहां इनका बेस-स्टेशन बनाया जा रहा है. इन बेस स्टेशनों पर वायरलेस सेट और लोकल थाने का एक प्रतिनिधि की भी तैनाती की जा रही है. हर एक्सप्रेस से जुड़े हर जिले की सीमा में यातायात प्रवर्तन उपकरण जैसे ब्रेथइनलाइजर, स्पीड राडार आदि भी उपलब्ध कराए गए हैं.