नई दिल्ली: बेंगलुरु में सोमवार को होने वाली विपक्ष की बैठक में 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र में भाग लेने की संभावना है, जहां वे 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे. सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी.
कांग्रेस द्वारा आयोजित बैठक की पूर्व संध्या पर पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी.आम आदमी पार्टी ने शर्त रखी थी कि कांग्रेस द्वारा संसद में अध्यादेश का विरोध करने की सूरत में ही वह विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेगी. पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 दलों ने भाग लिया था. एक सूत्र ने कहा कि इस बार हम 26 दलों के नेताओं के बैठक में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं.विपक्ष की यह बैठक शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन और पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के बीच हो रही है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई.
बंगाल में हुई चुनावी हिंसा को लेकर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई और वाम दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की है. सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा की नीतियों के खिलाफ देश भर में एक संयुक्त आंदोलन की योजना बनाएंगे.उन्होंने कहा कि खासकर महाराष्ट्र में राकांपा के विभाजन के बाद रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि विपक्षी नेता भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने के कदमों की घोषणा करेंगे और विपक्षी सरकारों को गिराने और राज्यपालों के माध्यम से गैर-भाजपा शासित राज्यों पर नियंत्रण करने के भाजपा के प्रयासों को उजागर करेंगे.
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि यह एक निर्णायक बैठक होगी. कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा कि दो दिवसीय सत्र भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के संयुक्त संकल्प को दर्शाएगा. राजा ने कहा कि बेंगलुरु बैठक भाजपा को हराने और देश एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पार्टियों को एकजुट करने की दिशा में एक और कदम होगी. इस बार बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी शामिल होने की संभावना है.पढ़ें: Uniform Civil Code: मोदी विरोधी मोर्चे के लिए सीपीएम और कांग्रेस एक साथ, राज्य में कड़े प्रतिद्वंद्वीकांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद(यू) नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल हो सकते हैं.