नई दिल्ली, संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी एकजुटता ने सरकार की पेशानी पर बल ला दिया है। सरकार के आला नेताओं ने विपक्षी दल के नेताओं से अलग-अलग मुलाकात कर उन्हें साधने की कोशिश तो की, किंतु वह परवान न चढ़ सकी। अब सरकार की मुश्किल यह है कि वह किस तरह विपक्ष को मनाकर संसद की बाधित चल रही कार्यवाही को पटरी पर लाएद्य इस सत्र में कई अहम विधेयक संसद में पेश होने वाले हैं। शीतकालीन सत्र के आठ दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं।
राज्यसभा में नोटबंदी पर पहले दिन से ही शुरू हुई बहस रुक-रुक कर चल रही है। किंतु, लोकसभा में अभी भी नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी एकता के कारण सरकार बेबस नजर आ रही। हालांकि गृहमंत्री राजनाथ सिंह व वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बीते दिनों विपक्ष के नेताओं से संपर्क भी साधा था पर बात न बन सकी। भाजपा सूत्रों की मानें, तो अगले सप्ताह से विपक्षी तेवरों में नरमी आ सकती है। उधर, विपक्षी तेवरों में 28 नवंबर से पहले नरमी के संकेत नहीं दिख रहे। 28 नवंबर को कांग्रेस, जदयू, वाम दल समेत विपक्षी दलों ने नोटबंदी के मुद्दे पर देशव्यापी बंद का ऐलान किया है। विपक्ष ने 28 नवंबर को आक्रोश दिवस मनाने का फैसला किया है।