मुंबई, वैश्विक कारकों से बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में 3 फ़ीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई और चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने के बावजूद अगले सप्ताह भी बाजार पर भारी दवाब का अनुमान जताया जा रहा है। इसलिए छोटे निवेशकों विशेषकर रिटेल निवेशकों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है।
घरेलू और वैश्विक बांडों के यील्ड में इजाफा और कोरोना के बढ़ते कहर के साथ-साथ भूराजनीतिक तनाव के चलते दुनियाभर के शेयर बाजार में इस सप्ताह कमजोरी के साथ कारोबार हुआ। बीएसई के 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को बीते सप्ताह के मुकाबले 1,789.77 अंकों यानी 3.52 फीसदी की गिरावट के साथ 49,099.99 पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 452.60 अंकों यानी 3.02 फीसदी की साप्तहिक गिरावट के साथ 14,529.15 पर रहा। बीएसई मिडकैप सूचकांक बीते सप्ताह के मुकाबले 56.87 अंक फिसलकर 19,978.65 पर रहा जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 291.94 अंकों यानी 1.47 फीसदी की बढ़त के साथ 20,155.35 पर रहा।
विश्लेषकों का कहना है कि अगले सप्ताह भी शेयर बाजार पर दबाव दिख सकता है। कोरोना काल में पहलीबार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी के गिरावट से उबरकर 0.4 फ़ीसदी की दर से बढ़ने का बाजार पर सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है लेकिन अमेरिका में कोरोना से निपटने के लिए भारी भरकम पैकेज दिए जाने का वैश्विक बाजार में नकारात्मक असर हो सकता है। इससे शेयर बाजार में तीव्र गिरावट हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अगले सप्ताह 1 मार्च को वाहन कंपनियों के बिक्री के आंकड़े और विनिर्माण पीएमआई के आंकड़े तथा 3 मार्च को सेवा पीएमआई के आंकड़े बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए निवेशकों विशेषकर छोटे निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए।