नई दिल्ली,सिगरेट नहीं, ई-सिगरेट पीने से होने वाली फेफड़े की बीमारियों से अमेरिका में कई लोगों की मौत हो गई है. वहां के अधिकारियों ने बताया कि हजारो लोग अन्य फेफड़े की बीमारी से जूझ रहे हैं.
अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने विटामिन ई एसिटेट की पहचान की है, जिसके कारण यह ई सिगरेट (वेपिंग) के जरिये अंदर जाने पर फेफड़े को भारी नुकसान पहुंचा रहा था. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस महामारी में इसी विटामिन के शामिल होने की आशंका है. इसमें 39 लोगों की मौत हो गई थी और दो हजार से अधिक लोग इससे बीमार हो गए थे.
इस मामले की जांच करने वाले शोधकर्ताओं ने पहले इन मौतों के पीछे एक तेल के इस्तेमाल की आशंका जाहिर की थी. इसका इस्तेमाल कभी-कभी वेपिंग उत्पादों में गाढ़ापन लाने के लिए एजेंट के रूप में किया जाता है. इसमें प्रकोप के संभावित कारण के रूप में साइकोएक्टिव पदार्थ THC होता है. लेकिन अब वे और निश्चित हो गए हैं, क्योंकि ये उन सभी 29 रोगियों में पाया गया था, जो कि फेफड़े के तरल पदार्थ के अध्ययन के लिए चुने गए थे.
यह शोध सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने किया था. सीडीसी की प्रिंसिपल डिप्टी डायरेक्टर ऐनी शुचट के अनुसार इन निष्कर्षों से फेफड़े के भीतर चोट के प्राथमिक स्थल पर विटामिन ई एसीटेट के प्रत्यक्ष प्रमाण मिलते हैं. उनके अनुसार इसके अलावा किसी अन्य जहरीले तत्व की पहचान नहीं की गई है.
स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक विटामिन ई एसिटेट कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. यह कई सप्लीमेंट और स्किन क्रीम जैसे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में पाया जाता है. लेकिन जब यह शरीर के अंदर जाता है तो फेफड़ों पर बुरा असर डालता है. सीडीसी के मुताबिक अभी इस मामले में और अधिक शोध करने की आवश्यकता है. ऐसा भी हो सकता है कि इन मौतों के पीछे एक से अधिक जहरीले तत्व हों. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इसमें ई सिगरेट और अन्य वेपिंग उत्पाद भी शामिल हो सकते हैं.