4, 8-9 और 22-23 अक्टूबर को चलेगा मतदाता पंजीकरण अभियान- मुख्य निर्वाचन आयुक्त
September 28, 2016
लखनऊ, भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य निर्धारित किया है। गत विस चुनाव में तकरीबन 60 फीसदी मतदान हुआ था, आयोग इसे बढ़ाना चाहता है। आयोग ने बायस्ड अधिकारियों को हटाने की भी बात की है। साथ ही लोकतंत्र के पर्व को पूरी निष्पक्षता, शांतिपूर्ण, विश्वसनीय और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराए जाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आयोग ने अधिकारियों को कई बिंदुओं पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
राजधानी लखनऊ में मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त डा0 नसीम जैदी ने कहा कि उप्र में 2012 के विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 60 रहा, जो इतने बड़े प्रदेश के अनुरुप नहीं रहा। उन्होंने कहा कि आयोग 2017 के चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाना चाहता है। इसके लिए 70 से 75 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु प्रदेश के मतदाताओं को जागरुक करने लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा। जैदी ने बताया कि आयोग के अधिकारी पिछले तीन दिन से विधानसभा चुनाव के तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। इस दौरान आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की। राजनीतिक दलों ने जो शिकायतें व सुझााव दिये हैं, आयोग उनपर अमल करेगा।
उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों की शिकायत है कि जिलों में तमाम बायस्ड अधिकारी नियुक्त हैं। उनके रहते निष्पक्ष चुनाव असम्भव है। उन्होंने कहा कि आयोग इन शिकायतों की जांच करेगा और बायस्ड अधिकारियों को हटायेगा। इसके अलावा इंस्पेक्टर रैंक के थानों पर जूनियर अधिकारियों की नियुक्ति पर भी आयोग सजग है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि उच्च पदस्थ थानों पर इंस्पेक्टर की ही नियुक्ति होगी। जैदी ने कहा कि अधिकतर राजनीतिक दलों ने केंद्रीय बल के नेतृत्व में चुनाव कराने की मांग की है। स्थानीय पुलिस के बारे में आशंका जताई गयी है। उनका कहना है कि स्थानीय पुलिस चुनाव को प्रभावित कर सकती है। इसके मद्देनजर आयोग ने केंद्रीय सुरक्षा बल की मांग की है।
जैदी ने कहा कि राजनीतिक दलों ने कई सुझाव दिए हैं जिसे आयोग प्रमुखता से संज्ञान लेगा। कुछ पार्टियों ने करीब 30 जिलों में बाढ़ की वजह से विस्थापित लोगों का मतदाता सूची में नाम शामिल कराने और मतदान सुनिश्चित कराने की मांग की है। सत्ताधारी दलों पर नकेल कसने की मांग भी उठी। राजनीतिक दलों ने मांग की कि सभी को एक समान सुविधाएं व मानक उपलब्ध कराए जाएं तथा यह अनुरोध किया गया कि राजकीय व्यवस्था व संसाधनों का दुरुपयोग चुनावी लाभ प्राप्त करने के लिए न करने दिया जाए।
उप्र में 13.8 करोड़ मतदाता हैं। नसीम जैदी ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में 15 सितंबर 2016 को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार कुल 13.8 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं। इन सभी के पास उनका फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र है। ऐसी परिस्थिति में इतना कम मतदान चिंतनीय है। मतदान प्रतिशत बढ़े, इसके लिए चार ,आठ,नौ और 22-23 अक्टूबर को विशेष अभियान चलाकर मतदाताओं को पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जाएगा। ताकि सभी योग्य मतदाता आगामी चुनाव पर्व में शामिल हो सकें।
आयोग की नजर युवाओं पर है। सूबे में 18-19 वर्ष के युवक युवतियों की संख्या तकरीबन 94 लाख है। पर इनमें से महज चार लाख से भी कुछ कम का पंजीकरण है। उन्हें खास अभियान के तहत जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा जिन लोगों का दो स्थानों पर पंजीकरण हैं, उनका एक जगह नाम हटा दिया जाएगा। आयोग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिनके नाम हटाए जाएं उन्हें सूचित किया जाए ताकि ऐसा न हो कि वोट डालने के लिए पहुंचने पर उन्हें पता चले और वे मतदान करने से वंचित रह जाएं।
जैदी ने बताया कि निष्पक्ष और शांतिपूर्वक चुनाव के लिए आयोग का मुख्य फोकस थाना स्तर पर रहेगा। अपराधियों को भी थाने स्तर पर ही चिन्हित किया जायेगा। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये गये हैं कि पिछले चुनाव में जिन अपराधियों ने घटनाएं की हैं, उन पर कार्यवाही तेज करें। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान हथियार जमा करने में लापरवाही बरती जाती है। उस बारे में भी सख्त निर्देश दिये गये हैं। मतदाता फ्रेडली होंगे मतदान केंद्रआयेग ने मतदान केंद्रों को मतदाता फ्रेंडली बनाए जाने की बात की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान केंद्रों पर हर आवश्यक सुविधा उपलब्ध रहेगी।
प्रदेश के मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान आयोग को जानकारी दी कि हर मतदान केंद्रों के विद्युतीकरण के लिए 60 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गयी है। जैदी ने बताया कि दिव्यांगों को मतदान के दौरान अधिक सहूलियतें दी जायेंगी। ऐसी व्यवस्था होगी कि आम लोग निर्भीकता से मतदान करने पहुंचें। मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी व अन्य उपकरणों से नजर रखी जाएगी।
यह पूछने पर कि चुनाव कब तक होगा, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी आयोग एक राय नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि इतना तो तय है कि 28 मई से पहले चुनाव सम्पन्न होंगे, क्योंकि वर्तमान सरकार का कार्यकाल 28 मई तक है। हां, राजनीतिक दलों ने इतना जरूर कहा कि मतदान तिथियां तय करते वक्त बच्चों की परीक्षाएं ध्यान में रखी जाएं। जैदी के इस जवाब से यह माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जनवरी या फिर अप्रैल में होंगे। हालांकि उनका यह भी मानना है कि चुनाव की तिथि इस पर भी निर्भर करेगा कि आयेग को केंद्रीय फोर्स कब तक सुलभ हो पायेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त डा0 जैदी निर्वाचन आयोग के अन्य अधिकारियों आयुक्त एके जोती, उप निर्वाचन आयुक्त उमेश सिन्हा और विजय देव, महानिदेशक दिलीप शर्मा और निदेशक निखिल कुमार के साथ रविवार को ही राजधानी पहुंच गये थे। पहले दिन आयोग ने राजनीतिक दलों के लोगों से मुलाकात की और सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। दूसरे दिन सूबे भर के मण्डलायुक्तों, पुलिस उप महानिरीक्षकों, जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ जिलेवार चुनाव तैयारियों की समीक्षा की और मंगलवार को नारकोटिक्स, इनकम टैक्स और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। चुनाव में धनबल, बाहुबल और शराब के प्रयोग पर कैसे रोक लगे, इस पर भी बैठकों के दौरान चर्चा हुई।