नई दिल्ली, दिल्ली मे हुए हिंसक प्रदर्शन में एक पुलिस जवान और तीन नागरिक की मौत के बाद
गृह मंत्रालय में देर शाम सचिव स्तर की बैठक हुई, जिसमें दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा हुई।
इस हिंसा में अब तक तीन आम लोगों और एक पुलिस कर्मी की मौत हुई है। लगभग 50 से अधिक घायल हैं
जिनमे 25 की हालत गंभीर है।
जाफ़राबाद के रहने वाले मोहम्मद सुल्तान नाम के प्रदर्शनकारी की पैर में गोली लगने की वजह से मौत हो गई है।
वहीं प्रदर्शन के दौरान शाहिद अल्वी नाम के एक ऑटो चालक की भी गोली लगने से मौत हो गई है।
शाहिद मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के डिबाई क्षेत्र के रहने वाले हैं।
शाहिद की शादी दो महीने पहले ही हुई थी. वो दिल्ली के मुस्तफ़ाबाद इलाक़े में किराए पर रह रहे थे.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में शुरू हुए दंगों को तुरंत काबू करने के लिए उच्चस्तरीय मंथन शुरू हो गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तमाम आला अधिकारियोंं को इस आपात बैठक में तलब किया ।
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव एके भल्ला सहित दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर
अमूल्य पटनायक को सख्त हिदायत दी गई कि किसी भी तरह से जल्दी से जल्दी हालात पर काबू पाएं।
इस बैठक के बाद गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी।
चूंकि अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार की रात में दिल्ली में ही हैं।
ऐसे में राजधानी की छवि धूमिल होने से बचाने की जरूरत भी महसूस हुई है।
आनन-फानन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में बिगड़े हालात को काबू करने की जिम्मेदारी खुद अमित शाह ने
अपने हाथ में ले ली है।
संसद मार्ग पर नया दिल्ली पुलिस मुख्यालय राष्ट्रपति भवन और हैदराबाद हाऊस के करीब है,
जहां ट्रंप का स्वागत व दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय बातचीत होनी है।
गृहसचिव अजय भल्ला ने स्थिति के पूरी तरह नियंत्रण में होने का दावा करते हुए कहा कि पर्याप्त पुलिस बल के
साथ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर तैनात हैं।
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