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40 साल से पहले होने वाली रजोनिवृत्ति दिल की बीमारी को दर्शाती है

दिल्ली, मोनोपॉज या रजोनिवृत्ति हर महिला के शरीर में होने वाला एक ऐसा कुदरती बदलाव होता है जो तकलीफों भरा होता है। हालांकि ये कोई बीमारी या विकार नहीं है और ना ही इसके लिए कोई इलाज की जरूरत होती  है। ज्यादातर महिलाओं को 45 से 55 की उम्र के आस-पास यह बदलाव होता है। अगर ये बदलाव 40 साल की उम्र से पहले हो तो दिल की बीमारियों होने का खतरा बढ़ जाता है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन साइंटिफिक सेशंस, 2019 के सबसे बड़े इस अध्ययन में ये जारी किया गया है कि  40 साल की उम्र से पहले मोनोपॉज का शिकार होने वाली महिलाओं को दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

शोधकर्ताओं ने शोध में  1,44,000 महिलाओं को शामिल किया जिनकी उम्र 60 साल थी, इसमें 4,900 महिलाएं नेचुरल तरीके से 40 की उम्र से कम में मोनोपॉज का शिकार हुई थी, 640 सर्जरी  से ओवरीज हटाने के कारण हुई थी। ऐसी महिलाओं को  हार्ट फेल्योर, दिल की धमनियों का पतला हो जाना जैसी दिल की बिमारियों का खतरा ज्यादा होता है।

अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि रजोनिवृत्ति के नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने में शारीरिक गतिविधियों से गतिविधियों से मदद मिल सकती है।

 

रिपोर्टर आभा यादव