अहमदाबाद, देश में कोरोना संक्रमण का एक बड़ा हॉटस्पॉट बन कर उभरे गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में प्रशासन ने आज से महानगर के बीचो बीच बहने वाली साबरमती नदी पर बने सात में से पांच पुलों को आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है तथा कई अन्य एहतियाती कदम भी उठाये हैं।
गुजरात में अब तक 5000 से अधिक मामले सामने आये हैं और 262 मौतें हुई हैं जिनमें से 70 प्रतिशत से अधिक यानी 3500 से भी ज्यादा मामले अकेले अहमदाबाद के हैं। यहां अब तक 185 लोगों की मौत भी हो चुकी है। गुजरात में पहले मामले की पुष्टि 19 मार्च को हुई थी तथा पहली मौत सूरत में 22 मार्च को हुई थी।
अहमदाबाद महानगरपालिका के कमिश्नर आईएएस अधिकारी विजय नेहरा ने आज पत्रकारों को बताया कि शहर के 48 में से अब तक केवल आठ वार्ड ही अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र और कंटेंनमेंट जोन करार दिये गये थे पर आज से दो और वार्ड गोमतीपुर तथा मणिनगर को भी शामिल करने से इनकी संख्या बढ़ कर 10 हो गयी है। अल्पसंख्यक बहुल जमालपुर वार्ड के लोगों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है क्योंकि अब तक शहर में हुई कुल मौतों में से 33 प्रतिशत अकेले वहां ही हुई हैं। कुल संक्रमितों का एक बड़ा हिस्सा भी वहीं से हैं।
उन्होंने बताया कि संक्रमण का शहर के अन्य हिस्सों में प्रसार रोकने के लिए साबरमती नदी पर बने 5 पुलों को आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद किया जा रहा है। केवल दो पुल एलिस ब्रिज और सुभाष ब्रिज को ही चालू रखा गया है।
ज्ञातव्य है कि लगभग 80 लाख आबादी वाले इस महानगर के बीचो बीच बहने वाली साबरमती नदी के पूववर्ती किनारे पर पुराना शहर है और अब तक सारे हॉटस्पॉट उसी तरफ हैं। इन पुलो के जरिये उनसे जुड़े पश्चिमी हिस्से में नया शहर है। खाने पीने की चीजों तथा सब्जी आदि की आपूर्ति पुराने क्षेत्र से ही नये शहर में होती है। हाल के दिनों में सब्जी बेचने वाले कई लोगों में कोरोना संक्रमण पाये जाने को लेकर भी खासे एहतियात बरते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना पूरी तरह से नये प्रकार का और अभूतपूर्व संकट है इसलिए इससे लड़ाई में काफी सतर्कता और एहतियात की जरूरत है। इसे नियंत्रित करने के लिए लोगों को लॉकडाउन का पूरी तरह पालन करने के अलावा कोई चारा नहीं है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से भी इसका पूरी तरह ध्यान रखने और रमजान संबंधी नियमों का घर पर ही पालन करने का अनुरोध किया।