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58वीं सीनियर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में अधिबान को शीर्ष वरीयता

कानपुर, एमपीएल स्पोर्ट्स फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार से यहां शुरू हो रही सीनियर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप के 58वें संस्करण में पूर्व चैंपियन ग्रैंडमास्टर पेट्रोलियम स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड के बी अधिबान को शीर्ष वरीयता मिली है।

23 ग्रैंडमास्टर्स और 30 इंटरनेशनल मास्टर्स सहित देश भर के 184 खिलाड़ी एक हफ्ते तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में एक्शन में नजर आएंगे, जिसे पहले नेशनल प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप के नाम से जाना जाता था। युवा एवं प्रतिभाशाली अर्जुन एरिगैसी, कॉमनवेल्थ चैंपियन अभिजीत गुप्ता, पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन कार्तिकेयन मुरली, सेथुरमन एसपी, ललित बाबू एमआर, गत चैंपियन अरविंद चिदंबरम , युवा खिलाड़ी गुकेश डी, अभिमन्यु पुराणिक और आर्यन चोपड़ा कानपुर के गंगा क्लब में होने वाली इस चेस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले अन्य शीर्ष खिलाड़ी हैं।

प्रतियोगिता स्विस सिस्टम के तहत 11 राउंड, 90 मिनट के समय नियंत्रण और पहली चाल के लिए बढ़े हुए 30 सेकेंड के समय के साथ आयोजित की जाएगी। अखिल भारतीय शतरंज संघ (एआईसीएफ) ने एमपीएल स्पोर्ट्स फाउंडेशन को सभी राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए आधिकारिक प्रायोजक बनाने के बाद सभी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की पुरस्कार राशि में काफी वृद्धि की है। 58वीं सीनियर राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में शीर्ष दस खिलाड़ियों को तीस लाख रुपए की राशि के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जिसमें से छह लाख रुपए विजेता के लिए आरक्षित हैं और साथ ही विजेता को इस साल के अंत में होने वाले विश्व शतरंज ओलंपियाड और एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम की घोषणा करते समय 25 अंक का बोनस मिलेगा।

एआईसीएफ के राष्ट्रीय सचिव भरत सिंह चौहान ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन स्थल गंगा क्लब में गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ जिस तरह से हमने विकास किया है और जिला तथा राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं तक पहुंचने के लिए कदम उठाए हैं, उसी तरह हम शतरंज को पूरे देश में और भी लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऑल इंडिया चेस फेडरेशन ‘चेस इन स्कूल्स’ प्रोग्राम के जरिए शतरंज में प्रतिभा की तलाश कर रहा है। एआईसीएफ को भरोसा है कि होनहार खिलाड़ी आगे आएंगे और देश का नाम रौशन करेंगे। अन्य खेलों में कानपुर को याद किया जाता है और संदर्भित किया जाता है, तो शतरंज जैसे दिमाग के खेल में क्यों नहीं। शहरों में इस तरह की प्रतियोगिताएं गुमनामी में रहने वाले खिलाड़ियों को बाहर लाएंगी। ”

सिंह ने कहा, “ फेडरेशन तक खिलाड़ियों की पहुंच नहीं है, लेकिन फेडरेशन शहरों, कस्बों और गांवों के खिलाड़ियों तक पहुंचेगा और उन्हें बेहतर अवसर देगा। यही खिलाड़ी शतरंज की दुनिया में देश का नाम रौशन करेंगे। हम रुचि रखते हैं और स्कूलों में फेडरेशन की शतरंज योजना को पाठ्यक्रम में जोड़ने के लिए गहन प्रयास किए जा रहे हैं।”

उत्तर प्रदेश शतरंज खेल संघ के सचिव एके रायजादा ने इस बारे में कहा कि पहली बार इस इवेंट में 23 ग्रैंड मास्टर्स और 30 इंटरनेशनल मास्टर्स भाग ले रहे हैं। साथ ही बढ़ी हुई पुरस्कार राशि इस संस्करण की मुख्य विशेषता है।