लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि भाजपा, कांग्रेस पहले दलितों और अन्य पिछड़ों आदि से माफी मांगे कि वे शर्मिंदा हैं कि आरक्षण का 50 फीसदी भी लाभ लगभग 68 वर्षों में नहीं पहुंचा पाए हैं। सच ये है कि आरक्षण को पहले कांग्रेस पार्टी और अब बीजेपी की सरकार दोनों ने ही आपसी साजिश के तहत मिलकर पूरी तरह से निष्क्रिय और निष्प्रभावी बनाकर रख दिया है।ॆ
मायावती ने आरोप लगाया कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर मोदी दलित आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं। मायावती ने कहा कि अम्बेडकर के स्मारक और संग्रहालय आदि बनाने की घोषणा करने की आड़ में दलित, उपेक्षित समाज का आरक्षण और कानूनी अधिकारों को समाप्त करने की साजिश है। आरक्षण पर सफाई देने की बजाय पीएम पहले अपनी पार्टी, सरकार और आरएसएस के उन लोगों पर अंकुश लगाएं, जो इसको लेकर गलत और व्यर्थ की बयानबाजी करते रहते हैं।
मायावती ने कहा कि देश में दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों को प्राइवेट सेक्टर और अन्य जिन भी क्षेत्रों में आरक्षण नहीं है, वहां केंद्र की सरकार को इन्हें आरक्षण देना चाहिए। इसके साथ ही आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में भी जरूर डाला जाए। मायावती ने कहा कि देश में दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों को प्राइवेट सेक्टर और अन्य जिन भी क्षेत्रों में आरक्षण नहीं है, वहां केंद्र की सरकार को इन्हें आरक्षण देना चाहिए। इसके साथ ही आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में भी जरूर डाला जाए।
मायावती ने सावधान किया कि आरक्षण के संबंध में आरएसएस का जब-जब विवादित और जातिवादी मानसिकता वाला बयान आता है। तब-तब पीएम सफाई देते हैं कि आरक्षण दलितों का हक है, इसे कोई छीन नहीं सकता है।
मायावती ने सावधान किया कि आरक्षण के संबंध में आरएसएस का जब-जब विवादित और जातिवादी मानसिकता वाला बयान आता है। तब-तब पीएम सफाई देते हैं कि आरक्षण दलितों का हक है, इसे कोई छीन नहीं सकता है।