नई दिल्ली, केन्द्र सरकार ने अपने ढाई साल से अधिक के शासनकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कांग्रेस पर पिछले 70 साल में घोषणाओं को ईमानदारी से पूरा नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि देश के गरीबों, वंचितों और किसानों के हित में घोषणाओं को पूरा करने के लिए दृढ़संकल्प और 56 इंच का सीना चाहिए।
केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 31 जनवरी को संसद के संयुक्त अधिवेशन में दिये गये अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरूआत करते हुए आज लोकसभा में कहा, कांग्रेस को आजादी के बाद 70 साल का मौका मिला। इस सरकार के बनने से पहले उसे 10 साल तक लगातार मौका मिला। लेकिन उसने अपनी घोषणाओं को पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि 70 साल के बाद भी अंतिम पायदान पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक आजादी की रोशनी नहीं पहुंची है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की सोच के साथ गरीबों, वंचितों और किसानों के समग्र विकास की दिशा में यह सरकार काम कर रही है और अपनी घोषणाओं को पूरा कर रही है।
भाजपा नेता ने कहा, पिछले 70 साल में जो काम नहीं हुए, इस सरकार ने पिछले ढाई साल से अधिक समय में वो काम किये हैं। मंत्री ने कहा, इन सब कामों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प और 56 इंच का सीना चाहिए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे। इससे पहले जब लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शर्मा को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने की अनुमति दी तो कांग्रेस के सदस्य अपनी बात रखना चाह रहे थे। अध्यक्ष ने सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने की अनुमति नहीं दी। बात रखने का अवसर नहीं दिये जाने पर कांग्रेस के साथ राकांपा, राजद और वाम दलों के सदस्यों ने वाकआउट किया।
इससे पहले आज सुबह भी सदन में कांग्रेस और वामदलों के सदस्यों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ई. अहमद के निधन के विषय को उठाते हुए नारेबाजी की थी और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी थी। शर्मा ने कहा कि इस सरकार ने दो साल में 11 हजार गांवों में बिजली पहुंचा दी। देश की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के 265 गांवों में बिजली नहीं थी। दो साल में हमारी सरकार ने वहां बिजली पहुंचा दी। मई 2018 तक 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाने का संकल्प है। उन्होंने राजग सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए जनधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, मुद्रा योजना, उजाला योजना, सुकन्या समृद्धि योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का जिक्र किया। शर्मा ने कहा कि सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन की सालों से लंबित मांग को पूरा किया और 11 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये जिसमें से छह हजार करोड़ रूपये जारी किये जा चुके हैं।
उन्होंने उरी आतंकी हमले के बाद सीमापार की गयी सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा, इस सफल कार्रवाई के बाद विपक्ष ने सैनिकों की राष्ट्रभक्ति के सबूत मांगे। जो शर्म की बात है। मंत्री ने कहा कि विपक्ष से अपील है कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर, सैनिकों के सम्मान और देश की सीमाओं की सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी कई कदम उठाये और कालेधन के खिलाफ एसआईटी के गठन का निर्णय लिया। नोटबंदी का कठोर निर्णय लिया। आठ नवंबर को लिया गया नोटबंदी का फैसला भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि 1976 में भी बड़े नोटों को बंद करने का सुझाव आया था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यह कहकर टाल दिया था कि चुनाव आने वाले हैं। हमारे प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि दो महीने बाद ही चुनाव हैं। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ और देश को आगे रखते हुए भ्रष्टाचारियों पर कुठाराघात और वज्राघात किया। यह फैसला भ्रष्टाचारियों, नक्सलवादियों, आतंकवादियों, नकली नोट छापने वालों के खिलाफ था। लेकिन विपक्ष ने इस फैसले का विरोध करके आजादी के बाद पहली बार भ्रष्टाचारियों का साथ दिया। शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के बाद जितना धन आया है, उसका इस्तेमाल देश के विकास में, गरीबों के कल्याण के लिए किया जाएगा।
नोटबंदी पर विपक्ष के रख पर निशाना साधते हुए शर्मा ने कहा, कुछ नेताओं को नोटबंदी से बहुत तकलीफ हुई। कालेधन के खिलाफ लड़ाई में अभी केवल जेब फटी है। अब कुर्ता भी फटने वाला है। उन्होंने कहा कि आज जब विश्व की अर्थव्यवस्था मंदी में है, भारत की अर्थव्यवस्था नित नये कीर्तिमान गढ़ रही है। पूरा विश्व हमें मार्गदर्शक के रूप में देख रहा है। शर्मा ने कहा कि राजग सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के कोष से मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाएं शुरू कीं जिनका उद्देश्य युवाओं को रोजगार मांगने की लाइन में लगने के बजाय रोजगार देने में सक्षम बनाना है। देश के चार करोड़ युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ उद्यमी बनाना है। चार साल में एक करोड़ युवाओं को रोजगारदाता बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार पर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगते हैं लेकिन ये योजनाएं दर्शाती हैं कि सरकार की योजनाएं केवल उद्योगपतियों, कारोबारियों तक सीमित नहीं है। नोटबंदी का फैसला भी गरीबों के लिए था। उन्होंने किसानों के लिए फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री सिंचाई योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हम केवल मौसम के भरोसे किसानों को नहीं छोड़ेंगे। किसानों का भरोसा सरकार में बढ़ा है। शर्मा ने कहा कि सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण का लक्ष्य बजट में रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक करोड़ परिवारों को गरीबी से निकालने का लक्ष्य भी रखा है।