76 साल की अमेरिकी युवती ने लाइव फूड से उम्र के प्रभाव पर पायी जीत, अब मोदी से सीखना चाहती है योग

नयी दिल्ली, प्राकृतिक अवस्था वाले खाद्य पदार्थों यानी लाइव अथवा श्रॉ फूड से कायाकल्प करने वाली उम्रदराज अमेरिकी सेलिब्रिटी एनेट लारकिंस छरहरी काया में किशोरियों को भी मात देती हैं। उम्र तो बस एक संख्या है की कहावत को चरितार्थ करने वाली लारकिंस विश्वभर में श्रॉ क्वीन के नाम से मशहूर हैं।

इक्कीस साल की उम्र में पूर्ण शाकाहारी बनने और उसके 10 वर्ष के बाद डेयरी पदार्थों से भी पल्ला झाड़ने वाली फ्लोरिडा के मियामी की लारकिंस ने एक साक्षात्कार में कहा आपके महान शायर दुष्यंत कुमार की शायरी कि यह पंक्ति . कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकताए तबीयत से एक पत्थर तो उछालो यारो मेरे जीवन का मूल मंत्र है। इसी मंत्र की वजह से मैंने राॅ फूड और ताजा फलों के जूस से उम्र के प्रभाव की रफ्तार कम करने में सफलता पायी है। मात्र अठारह इंच की कमर वाली रॉ क्वीन न केवल अपनी उम्र से आधी दिखती हैं बल्कि शारीरिक और मानसिक फुर्ती में भी अपनी उम्र को धता बताती हैं।

उन्होंने कहा कैंसर से कम उम्र में मां और दादी को मरते देखने के बाद इस बीमारी का डर मेरे दिल में घर कर गया था। मैंने इस डर पर विजय पाने का दृढ़ संकल्प लिया और निकल पड़ी एक ऐसे सफर पर जो एक बूचड़खाने के मालिक की ;लारकिंस के पति की मांस की दुकान है पत्नी और दो छोटे बच्चों की मां के लिए कठिन और चूनौतीपूर्ण था। पति के सामने उनकी पोती नजर आने वाली लारकिंस ने कहा कि अब तो उनके दोनों बच्चे और पति भी उनकी प्रशंसा करते हैं और उनका अनुगमन करने की कोशिश करते हैं एलेकिन इस यात्रा में संयमए दृढ़ विश्वासए लगन एवं हर हाल में सकारात्मक सोच के बिना मंजिल तक पहुंचना आसान नहीं है।

एलोवेरा को प्रकृति का बेमिसाल तोहफा बताने वाली एवं पेशे से कभी शिक्षक रहीं लारकिंस ने स्व अध्ययन किया। उन्होंने रॉ फूड के बारे में तमाम जानकारियां जुटाईं और जुट गयीं कायाकल्प करने की मुहिम में। उन्होंने रॉ फूड पर कई किताबें लिखीं और वीडियो तैयार किये जिसे उनकी वेबसाइट एनएनईटीटीईलारकिंस डॉट काॅम से डाउन लोड करके पढ़ा और देखा जा सकता है। उन्होंने कहा यह तो जग जाहिर है कि जो चीजें प्राकृतिक अवस्था में होती हैं वे पौष्टिकता से भरपूर होती हैं आैर पकाने के बाद उनके सभी गुण लगभग समाप्त हो जाते हैं। इसलिए अपने अनोखे सफर पर निकले के बाद से लेकर आज तक मैंने पके हुए भोजन में हाथ नहीं लगाया।

रूस और बेल्जियम समेत कई देशों ने उन पर कार्यक्रम बनाये हैं और अमेरिकी टीवी चैनलों के अलावा कई देशों के चैनलों पर उनके कार्यक्रम बराबर प्रसारित होते हैं। बागवानी को जीवन.रस श्मानने वाली लारकिंस ने कहा मैं अपने गार्डन में अपनी जरूरत की करीब सभी चीजें उगाती हूं। मैंने अपने बाग में कई तरह के औषधीय और स्वास्थ्यवर्धक पेड़.पौधे लगाए हैं जिनमें से एक को आम बोलचाल की भाषा में श्मिराकल पेड़ श्नाम दिया गया है। अॉर्गेनिक फल.सब्जियों के उपयोग के साथ.साथ अंकुरित बीजों का भी सेवन करती हूं। लारकिंस मात्र चार घंटे सोती हैं और सुबह पांच बजे से उनकी दिनचर्या शुरू हो जाती है। उन्होंने बताया कि वह अपनी जरूरत की कमोवेश सभी चीजें स्वयं तैयार कर लेती हैंए यहां तक कि वह स्वयं से बनायी गयी पोशाक ही पहनती हैं। वह अपने कम्प्यूटर को भी सुधार लेती हैं। उन्हें अभी तक चश्मे की जरूरत नहीं पड़ी और वह किसी प्रकार की कोई दवाई नहीं लेती हैं। नयी जीवनशैली शुरू करने के बाद से वह कभी बीमार नहीं पड़ीं।

यह पूछने पर कि वह बेहद आशावादी और सकारात्मक सोच वाली हैं और यह गुण उनमें युवा अवस्था से लेकर अब तक बना हुआ है यह कैसे संभव हुआएउन्होंने कहाएष् मेरा मानना है कि जब तक इस दुनिया में रहोए स्वस्थ रहो और किसी पर किसी तरह का भार नहीं बनो। मरना तो एक दिन हम सभी को है लेकिन मैं दुनिया छोड़ने की बात पर ध्यान नहीं देती हूं बल्कि ऐसा काम करती हूं जिससे जब तक जीवित रहूंए खुश रहूंए स्वस्थ रहूं और दूसरों को भी अपनी मेहनत से अर्जित व्यावहारिक ज्ञान से लाभान्वित करूं। इसी मिशन के तहत मेरी जीवन यात्रा आगे बढ़ रही है।

आज की पीढ़ी की एकाग्रता में कमी पर चिंता जताते हुए लारकिंस ने कहाए लोग जिस तरह शारीरिक सुंदरता और उत्तम स्वास्थ्य के लिए कसरत करते हैं और जिम में घंटों पसीना बहाते हैं एउसी तरह याददाश्त को सुदृढ़ बनाने और दिमागी रूप से मजबूत रहने के लिए मानसिक कसरत किया जाना भी बेहद आवश्यक है। इफ यू डाँट यूज इट यू विल लूज इट। नित्य कुछ समय के लिए शतरंज खेलकर और कुछ पहेलियों को सुलझाने में दिमाग लगारकर मानसिक कसरत की जा सकती है। मैं यह नियमित रूप से करती हूं और हर रोज कुछ नया सीखती हूं एचाहे वह अंग्रेजी का नया शब्द ही क्यों न हो। इस तरह आपकी श्दिमाग की डिक्शनरीश् में साल में 360 नये शब्द जुड़ सकते हैं।

सुबह की शुरुआत घर की सीढ़ियों से कई बार ऊपर.नीचे होकर करने वाली कठोर इच्छा शक्ति की प्रतिमूर्ति ने कहा योग के प्रति मेेरी जानकारी अधूरी है और मैं तहेदिल से चाहती हूं कि भारत की इस देन से मैं भी लाभावंवित हो सकूं। मेरा मानना है कि जिस तरह से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से 21 जून को विश्वभर में योग दिवस के रूप में मनाया जाता है और दुनिया के कोने .कोने मेें लोग योग को अपना रहे हैं एउसी तरह लोगों को स्वस्थ रहने के लिए लाइव फूड के प्रति जागरुक बनाये जाने की आवश्यकता है। मैं आपकी प्रतिष्ठित संवाद एजेंसी के माध्यम से  मोदी जी तक अपनी बात पहुंचाना चाहती हूं कि हम दोनों मिलकर विश्व को स्वास्थ्य जीवन का मंत्र दे सकते हैं। साथ ही वह मुझे योग की पाठ पढ़ा सकते हैं और मैं उनके साथ लिविंग फूड का अमृत.ज्ञान साझा कर सकती हूं।

यह पूछने पर कि जिसके पास आपकी तरह बागवानी के लिए जगह नहीं हैए वह कैसे रॉ फूड के फायदे को प्राप्त कर सकता हैए लारकिंस ने कहाएष्फलएपत्तेदार सब्जियां और सन फ्लावर समेत कई बीजों तथा चना एवं मूंग अादि को अंकुरित करके उन्हें लंचए डिनर एवं ब्रेक फास्ट के रूप में शामिल किया जा सकता है। यह कायाकल्प की दिशा में कारगर कदम है और इससे कई तरह की बीमारियों से निजात भी पायी जा सकती है। अकेले अंकुरित बीजों एवं मूंग में ऐसा सबकुछ जो हमारे सेल्स ग्रोथ और सेल्स रिपेयर के लिए जरूरी है। ये कार्बनए प्रोटीन मिनरल्स बाइटामिन्स फैट्स आदि से भरपूर हैं। जितना संभव हो सके खान.पान के सर्वोत्तम उपायों को अपनाना चाहिए।

स्प्राउटिंग के फायदे को अंगीकार करके हम उत्तम स्वास्थ्य के मालिक हो सकते हैं। इसके अलावा ह्वीट ग्रास का जूस धरती पर वरदान है। इसके अनगिनत लाभ को देखते हुए इसे ग्नीन ब्लड भी कहा गया है। इसके महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि विश्व में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां इस जूस को पीकर लोगों ने कैंसर की जंग को फतह किया है। इसे किचेन में भी बिना मिट्टी का उगाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में गेंहू के अच्छे दाने को तीन घंटा भिंगोकर किसी बर्तन में रखकर पतले गीले कपड़े से ढ़क दिया जाता है। इसके बाद उस पर सात दिनों तक लगातार सुबह.शाम पानी का छिड़काव किया जाता है। आंठवें दिन यह जूस बनाने के लिए तैयार हो जाता है। सुबह खाली पेट लेने से इसके फायदे कई गुणा अधिक होते हैं। जूस पीने के बाद करीब एक घंटे तक कुछ भी नहीं खाना.पीना चाहिए।

तेरह जनवरी 1942 को जन्मीं लारकिंस ने कहा कि लिवर के लिए भी व्हीट ग्रास बहुत ही फायदेमंद है। यह शरीर के सभी टॉक्सिन्स को बाहर करके उसकी अंदरूनी साफ.सफाई करता है। आधा गिलास ह्वीट जूस पांच सब्जियों से मिलने वाले पौष्टिक गुणों से भरपूर हाेता है। इससे शरीर के लिए सभी जरूरी तत्वों की पूर्ति हो जाती है। ब्लड सर्कुलेशन और पाचन शक्ति को सही रखने वाला यह जूस विटामिन बीए एमीनो एसिड्स और कई प्रकार के ऐसे एंजाइम्स से भरपूर होता है जो हमारे हमारे शरीर के लिए बेहद आवश्यक हैं। इसमें मौजूद क्लोरोफिल गठिया में बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा क्लोरोफिल शरीर में ऑक्सीजन प्रवाह को सही रखता है। इससे शरीर के लिए जरूरी नये सेल्स का

निर्माण होता है। साथ हीए पुराने सेल्स की मरम्मत भी होती है। यह कमजोरी और थकान से भी छुटकारा दिया सकता है। राॅ फूड को डिवाइन फूड करार देने वाली लारकिंस ने दार्शनिक भाव में कहाहमें डाॅक्टर से दूर रहने के लिए डिवाइन भोजन के साथ.साथ डिवाइन ड्रिंकएजरूरत के अनुसार आराम और सकारात्मक सोच के अलावा चराचर के मालिक के प्रति नतमस्तक रहना चाहिए । साथ ही मेहनत से अर्जित ज्ञान के प्रकाश से औरों को भी प्रकाशित करने का ध्येय रखना हम सभी का परम कर्तव्य है। भारत के लोगों को संदेश देते हुए खुश मिजाज लारकिंस ने कहाएष् भारत के लोगों एखूब जियो और जब तक जियो स्वस्थ रहो।

Related Articles

Back to top button