मुंबई, मालेगांव 2008 विस्फोट मामले में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित नवी मुंबई के तालोजा जेल से आज रिहा हो गये। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने जमानत प्रदान की थी। पुरोहित को लेने सेना के अधिकारी पहुंचे थे। जेल के बाहर सेना अधिकारियों को पुरोहित को सौंप दिया गया।
अब वह जेल से सीधा सेना में अपनी यूनिट को रिपोर्ट करने गये हैं। जमानत मिलने के एक दिन बाद लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने कहा था कि वह जल्द से जल्द सेना में फिर से शामिल होना चाहते हैं। पुरोहित ने यहां सत्र न्यायालय के बाहर पत्रकारों से कहा था, मैं अपनी वर्दी पहनना चाहता हूं। यह मेरी त्वचा की ऊपरी परत है। देश के सर्वश्रेष्ठ संगठन भारतीय सेना की सेवा में फिर से जुड़ने पर मैं बहुत खुश हूं।
उन्होंने कहा मेरे दो परिवार हैं- सेना और मेरा परिवार जिसमें मेरी पत्नी, मेरे दो बेटे, बहन और मां हैं। मैं उनसे मिलने के लिए बेताब हूं। पुरोहित ने कहा सेना ने मेरी इज्जत कम नहीं होने दी। उन्होंने कहा, सेना की यह परम्परा और प्रकृति रही है कि वह अपने लोगों की इज्जत कम नहीं होने देती। मैंने यह एक बार भी महसूस नहीं किया कि मैं सेना से बाहर हो जाऊंगा। उन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई में मदद के लिए अपनी पत्नी की प्रशंसा की।