यूपी के राजनीतिक इतिहास को संजोकर रखने के लिए विधान भवन में तैल चित्र लगाये गये- मुख्यमंत्री अखिलेश
August 30, 2016
लखनऊ, उत्तर प्रदेश विधान भवन में सोमवार को सूबे के पूर्व मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों के तैल चित्रों का मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अनावरण किया। पूर्व मुख्यमंत्रियों का यह चित्र पटल कार्यालय के सामने गैलरी में लगा है जबकि विधानसभा अध्यक्षों के चित्र टण्डन हाल में लगे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश के राजनीतिक इतिहास को संजोकर रखने के लिए ये तैल चित्र लगाये गये हैं। इनमें प्रदेश में अब तक हुए 21 मुख्यमंत्रियों और 18 विधानसभा अध्यक्षों के चित्र हैं। इनके साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी चित्र लगाया गया है। चित्रों के अनावरण के मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केशरीनाथ त्रिपाठी, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, पूर्व अध्यक्ष सुखदेव राजभर, नगर विकास मंत्री मो0 आजम खान समेत कई अन्य लोग भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में मौजूद सभी नेताओं ने एक-एक कर तेल चित्रों पर लगे पर्दे को हटाया। इस दौरान सजीव लग रहे तेल चित्रों की सभी ने प्रशंसा की। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जब एक तैल चित्र पर से पर्दा हटाया तो वह बसपा सुप्रीमो मायावती का चित्र निकला। इस पर वहां मौजूद लोग हंसने लगे तो मुलायम भी मुस्कुराये बिना नहीं रह सके। पूर्व मुख्यमंत्रियों में पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त, डॉ. सम्पूर्णानन्द, चन्द्रभानु गुप्त, सुचेता कृपलानी, चौधरी चरण सिंह, त्रिभुवन नारायण सिंह, पं. कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नन्दन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, राम नरेश यादव, बनारसी दास, विश्वनाथ प्रताप सिंह, श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के चित्र क्रमानुसार लगाये गये हैं। सबसे अंत में वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का चित्र लगा है।
इसी तरह विधानसभा अध्यक्षों के तैल चित्रों में पहले विधानसभा अध्यक्ष सर माइकल कीन तथा सर सीताराम से लेकर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के चित्र लगाए गए हैं। इन चित्रों को पद्मश्री विजेता कृष्णा कन्हाई और यशभारती विजेता गोविंद कन्हाई ने बनाई हैं। चित्रकार कृष्ण कन्हाई ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कहने पर 40 तस्वीरें बनाई गई हैं। इनमें से 38 चित्र कृष्ण कन्हाई और दो चित्र गोविंद कन्हाई ने बनाए हैं। इन चित्रों को तैयार करने में एक साल का समय लगा।