नयी दिल्ली, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे को देश का अगला प्रधान न्यायाधीश
नियुक्त किया है। न्यायमूर्ति बोबडे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के सेवा निवृत होने पर 18 नवंबर को शपथ लेंगे।
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे कई महत्वपूर्ण बेंचों में रहे हैं।
हाल ही मे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे।
ये आरोप सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने लगाए थे।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन हाउस पैनल बनाया था।
इस पैनल ने जस्टिस गोगोई को क्लीनचिट दे दी थी। जस्टिस बोबड़े उस हाउस पैनल का हिस्सा थे।
उनके अलावा इस पैनल में एन वी रमन और इंदिरा बनर्जी शामिल थीं।
न्यायमूर्ति बोबडे 12 अप्रैल 2013 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने थे।
इससे पहले वह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे।
वह बॉम्बे उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश और स्थायी न्यायाधीश भी रहे हैं।
चौबीस अप्रैल 1956 को जन्मे न्यायमूर्ति बोबड़े वर्ष 1978 में अधिवक्ता बने थे।
न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे नागपुर के रहने वाले हैं और वकीलों के परिवार से आते हैं।
उनके पिता अरविंद बोबड़े महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल यानी महाधिवक्ता रह चुके हैं।
बड़े भाई स्वर्गीय विनोद अरविंद बोबड़े सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वरिष्ठ वकील थे।
जस्टिस बोबडे ने नागपुर यूनिवर्सिटी से बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की।
उन्होंने उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ और नागपुर जिला न्यायालय में वकालत की और बॉम्बे हाई कोर्ट तथा उच्चतम न्यायालय में सिविल,
संवैधानिक, श्रम, निर्वाचन तथा कराधान मामलों में अधिवक्ता के रूप में अपनी सेवा दी।
न्यायमूर्ति बोबडे संवैधानिक, प्रशासनिक, कंपनी, पर्यावरण तथा निर्वाचन से संबंधित कानूनी मामलों के विशेषज्ञ हैं।