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शरीर में इस विटामिन की कमी होने से बढ़ता है वजन….

यह तो हम सभी जानते हैं कि विटामिन डी हमारे शरीर के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके जरिए न सिर्फ शरीर में आवश्यक तत्वों की पूर्ति होती है, बल्कि यह अन्य तत्वों को भी शरीर विघटित होने में मदद करता है। सूर्य की किरणें विटामिन डी का एक अच्छा स्त्रोत है, लेकिन वर्तमान की भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोगों का अधिकतर समय ऑफिस के अंदर ही बीत जाता है। ऐसे में शरीर के लिए आवश्यक सूर्य की किरणों की आपूर्ति नहीं हो पाती। शायद यही कारण है कि आजकल अधिकतर लोग विटामिन डी की कमी के शिकार हैं। वैसे तो इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है, लेकिन हमारा शरीर कुछ ऐसे संकेत देता है, जिससे आप अपने शरीर में विटामिन डी की कमी के बारे में जान सकते हैं।

बदलता मूड: हालांकि यह संकेत पूरी तरह से आपके शरीर में विटामिन डी की कमी को नहीं दर्शाता, लेकिन अगर आपका मूड बार−बार लो होता है तो आपको सतर्क हो जाने की आवश्यकता है। दरअसल, सर्दियों के मौसम में जब सनलाइट पूरी तरह नहीं मिलती तो शरीर में सेरोटेनिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसका असर शरीर पर होता है और आप पूरा दिन काफी लो फील करते हैं। जहां तक बात शरीर में विटामिन डी की है तो शरीर में विटामिन डी की कमी और डिप्रेशन का काफी गहरा नाता है। कुछ शोध बताते हैं कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है, उनके आम लोगों की अपेक्षा ग्यारह गुना अधिक अवसादग्रस्त होने की संभावना रहती है।

पाचन में गड़बड़: शायद आपको पता न हो लेकिन विटामिन डी वसा में घुलनशील विटामिन है। लेकिन जब हमारे जठरांत्र शरीर में मौजूद वसा को अवशोषित नहीं करता तो पाचन में गड़बड़ होती है। इस प्रकार विटामिन डी की कमी से शरीर को वसा को अवशोषित करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर आपको लगातार पाचन संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो यह आपके लिए एक सिग्नल हो सकता है।

लगातार वजन बढ़ना: वैसे तो वर्तमान समय में लोगों का जो लाइफस्टाइल है उससे बहुत बड़ी संख्या में लोग ओवरवेट हैं। लेकिन आपका लगातार बढ़ता बीएमआई यह प्रदर्शित करता है कि आपके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन डी की मात्रा कम होती जा रही है। एक अध्ययन बताता है कि बीएमआई में प्रत्येक ईकाई वृद्धि के साथ−साथ खून में विटामिन डी का स्तर 1.15 प्रतिशत घट जाता है। चूंकि विटामिन डी अपने स्वभाव से एक फैट सॉल्यूबल है। इसलिए जब शरीर में फैट अधिक जमा होता है तो उसके लिए शरीर को विटामिन डी की अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है। ऐसे में अधिकतर मोटे लोगों के शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम होने की संभावना अधिक रहती है।

हड्डियों में दर्द: आमतौर पर यह माना जाता है कि अगर हड्डियों में दर्द होता है तो इसका मुख्य कारण शरीर में कैल्शियम की कमी है। लेकिन कभी−कभी इसका कारण विटामिन डी की कमी भी हो सकती है। शरीर में कैल्शियम के सही तरीके से अवशोषण के लिए विटामिन डी की अदद आवश्यकता होती है। शरीर में विटामिन डी की कमी को आस्टीओमलेश के नाम से जाना जाता है। वहीं बच्चों में इस स्थिति को रिकेट्स भी कहा जाता है। अगर शरीर में कैल्शियम, फास्फोरस व विटामिन डी सही अनुपात में काम नहीं करते तो हड्डियों में दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है।

सिर में पसीना: चाहे आप मानें या न मानें लेकिन शरीर में विटामिन डी की कमी का एक सबसे बड़ा संकेत सिर में आने वाला पसीना है। खासतौर से, यदि नवजात शिशुओं को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त नहीं होता तो उनमें यह लक्षण देखा जाता है।