लखनऊ, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा चलायी जा रही मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से प्रदेश के किसानों को निरन्तर लाभान्वित किया जा रहा है।
प्रदेश में इस योजनान्तर्गत प्रथम चक्र में 170.15 लाख तथा द्वितीय चक्र में 195.31 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किये हैं। चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जनपद के प्रत्येक विकास खण्ड के चयनित माॅडल ग्राम में जोत के आधार पर मृदा नमूना एकत्र कर परीक्षणोपरान्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये जाने का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। प्रदेश में 821 माॅडल ग्रामों में 2.15 लाख मृदा नमूनों को एकत्र कर परीक्षण करते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण की कार्यवाही की जा रही है।
कृषि विभाग से प्राप्त विस्तृत जानकारी के अनुसार मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनान्तर्गत प्रदेश का कोई भी किसान अपनी मिट्टी की जांच निःशुल्क करा सकते हैं। प्रत्येक जनपद में जिले व ब्लाक स्तर पर कृषि विभाग के मृदा परीक्षण अधिकारी, वैज्ञानिक होते हैं।
खण्ड विकास स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारी गांव में जाकर खेत के चारो कोनों एवं बीच की मिट्टी एक बैग में भरते हैं। उसके बाद उसे परीक्षण के लिए लेबोरेटरी में भेजा जाता है जहां कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ मिट्टी की जांच करते हुए रिपोर्ट तैयार करते हैं।
रिपोर्ट में मिट्टी का प्रकार, उसमें मौजूद पोषक तत्व, किन पोषक तत्वों की कमी है, अच्छी और ज्यादा फसल उत्पादन के लिए कौन सी फसल बोये एवं कौन-कौन सी खाद डालें। फसल के लिए क्या तापमान हो, बारिश की स्थिति में क्या करें, समस्त किये जाने वाले उपाय और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए किये जाने वाली विधियां आदि की जानकारी मृदा स्वास्थ्य कार्ड में किसानों को दी जाती है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड को विभाग द्वारा आनलाइन भी किया जाता है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से किसानों को काफी फायदा हो रहा है। इस योजना से किसानों को अपने खेत की मिट्टी के स्वास्थ्य के विषय में पूरी जानकारी हो रही है और वे अपनी जानकारी व प्राप्त सुझाव के अनुसार मनचाही फसल बोकर उत्पादन कर रहे हैं। किसानों को दिया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड 03 वर्ष के लिए होता है। किसानों के हित में संचालित इस योजना का लाभ उठाते हुए किसान स्वयं की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं और प्रदेश व देश की उन्नति में सहायक हो रहे हैं।