वाराणसी , आयुष गरीबों की पैथी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं विशेष दिलचस्पी के कारण इसका प्रसार भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनियाभर तेजी से हो रहा है। इसका भविष्य उज्ज्वल है। यह विचार बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने व्यक्त किये।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित 19.22 दिसंबर तक चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आरोग्य-2919, प्रदर्शनी एवं सम्मेलन के मुख्य अतिथि मंगल पांडेय ने उद्घाटन करते हुए कहा कि आयुष का भविष्य उज्ज्वल है। 2019-20 में 19 प्रतिशत वृद्धि के साथ आयुष में 1939.7 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। उन्होंने बताया कि 2014 में कुल 513 आयुष महाविद्यालयों की संख्या 2019 में बढ़कर 914 हो गई। साथ ही साथ छात्रों की संख्या 29000 से बढ़कर 52720 हो गयी है। उन्होंने कहा कि पहले ष्गरीब की पैथीष् कही जाने वाली पुड़िया से अच्छे पैकेजिंग में बदलना और गांव से विश्व स्तर तक प्रचार.प्रसार होना इस पद्धति के विकास का द्योतक है।
कार्यक्रम के अतिथि उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री धरम सिंह सैनी राज्य में इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए श्री मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि 1000 वर्षों से यह पैथी लोगों को निरोग करती आ रही है और ये आवश्यक है कि आयुर्वेद को बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्वक औषधि मिले। इसके लिए उनकी सरकार ने पीलीभीत एवं लखनऊ के बन्द पड़े औषधालयों को क्रियान्वित किया है। उन्होंने वाराणसी में एक और नये औषधालय के निर्माण की भी घोषणा की।
बीएचयू के कुलपति प्रोण् राकेश भटनागर ने आरोग्य 2019.द्वितीय अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन में हिस्सा लेने आए 60 से अधिक देशों के प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन के दौरान आयुष के क्षेत्र से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ.साथ आम लोग भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि ये आयोजन भारतीय चिकित्सा पद्धति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने फिक्की द्वारा केंद्रीय आयुष मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, फार्मेक्क्सल, उत्तर प्रदेश एवं बिहार सरकार की सहभागिता से बीएयू में आयोजन इस कार्यक्रम के लिए सभी का धन्यवाद किया। कुलपति ने अतिथियों से अनुरोध किया कि वे इस कार्यक्रम का लाभ उठाते हुए विश्वविद्यालय के खूबसूरत और प्राकृतिक वातावरण से भरपूर कैंपस समेत भारत कला भवन का भ्रमण अवश्य करें।
केन्द्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटैचा ने कहा कि भारत के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक काशी एवं काशी के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को इस कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया जिससे एशिया के सबसे बड़े शैक्षणिक संस्थान के कार्यक्रम को अत्याधिक सफल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि आज आयुर्वेद एवं इसका विस्तार विश्व की जरूरत बन चुका है।
फिक्की आयुष समिति के प्रमुख एवं सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि समय आ गया है कि सरकारए चिकित्सा जगतए उद्योग जगत से लेकर आम लोगए भी सभी मिलकर आयुर्वेद के व्यापक प्रसार एवं विस्तार के लिए काम करें। उन्होंने आयुर्वेद संकाय के प्रो0 जी0 पी0 दूबे के पेटेन्ट की तारीफ की और उम्मीद जताई कि इस कार्यक्रम से आयुष के प्रचार प्रसार के साथ ही व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।
अतिरिक्त सचिव ;आयुष प्रमोद पाठक ने कहा कि इस कार्यक्रम के द्वारा लोगों में आयुष के प्रति निष्ठाए व्यापारए शैक्षणिक संस्थानों में उत्साह हेल्थ एवं वेलनेस को बढ़ावा मिलेगा। फिक्की के निदेशक के प्रवीण कुमार मित्तल ने कहा कि प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय आरोग्य एक्स्पो दिल्ली में आयोजित की गयी थी उससे अधिक इस वर्ष विदेशी लोगों की भागीदारी हो रही है।