गांधीनगर, गुजरात के उत्तरी इलाकों में टिड्डी दल के आतंक से परेशान किसान आसमान की ओर से हमला कर सेंत की मेत में पूरी फसल चल कर जाने वाले इन कीटों से बचने के लिए अपने खेतों में धुंआ करने से लेकर तेज आवाज वाले डीजे के गाने बजाने में जुटे हैं।
लगभग 10 दिन पहले 14 दिसंबर को राजस्थान की ओर से गुजरात के बनासकांठा जिले के वाव इलाके में पहली बार प्रवेश करने के बाद करोड़ो टिड्डियों का दल अब तक तीन जिलों ;पाटन और महेसाणा समेतद्ध के कुछ हिस्सों में फैल गये हैं। इन्होंने एरंड, राई, कपास, गेहूं, सौंफ आदि की फसल को खासा नुकसान भी पहुंचाया है।
उधरए टिड्डी जिन्हें स्थानीय भाषा में तीड कहा जाता हैए को भगाने के लिए किसान खेतों में धुंआ करनेए तेज आवाज करने के लिए थाली और बेलन से आवाज करने तथा डीजे के तेज संगीत बजाने जैसे उपाय कर रहे हैं।
गुजरात के कृषि निदेशक बी एम मोदी ने आज यूएनआई को बताया कि टिड्डी नियंत्रण संबंधी केंद्र सरकार के कार्यालय और राज्य सरकार की टीमे मिल कर काम कर रही हैं। दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है तथा यह सुनिश्चत करने की कोशिश हो रही है कि टिड्डी दल फसल वाले खेतों से दूर रहें।
उधरए महेसाणा के खेरालु के विधायक अजमल ठाकोर ने तो टिड्डी दल को भगाने के लिए हेलीकॉप्टर से जंतुनाशक दवा का छिड़काव करने की मांग सरकार से की है।