नई दिल्ली, एक ही परिवार मे पिता, माता के बाद अब उनकी बेटी अंबा प्रसाद परिवार से तीसरी विधायक बनी हैं। इसी के साथ बेटी ने एक और एतिहासिक रिकार्ड बनाया है।
झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़कागांव सीट से अपने पिता, माता के बाद अब उनकी 31 वर्षीय बेटी अंबा प्रसाद परिवार से तीसरी विधायक बनी हैं। वह सबसे कम उम्र की विधायक चुनी गई हैं। उनके पिता योगेंद्र प्रसाद साव वर्ष 2009 में इसी सीट से जीते थे और 2013 में हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री बने थे, लेकिन नक्सलियों से संबंध प्रकाश में आने के बाद उन्हें वर्ष 2014 में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
अपने खिलाफ लंबित मामलों के चलते प्रसाद विधानसभा चुनाव की दौड़ से बाहर हो गए। बड़कागांव सीट से उनकी पत्नी निर्मल देवी ने 2014 के चुनाव में जीत हासिल की थी। उन पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।
वर्ष 2016 में बड़कागांव स्थित सरकारी बिजली जनरेटर एनटीपीसी के लिए भूमि अधिग्रहण का ग्रामीण विरोध कर रहे थे। प्रसाद ने इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। प्रदर्शन के दौरान हुई पुलिस की गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई थी। विधायक प्रसाद को जेल भेज दिया गया।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इस जुझारू दंपति की बेटी अंबा प्रसाद को टिकट दिया। अंबा ने ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के उम्मीदवार रोशनलाल चौधरी को 31 हजार वोटों के अंतर से हराया।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में अंबा के लिए रैली की थी। परिजनों का आरोप है कि रघुवर दास सरकार ने साव परिवार के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाए थे।