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एनपीआर एवं एनआरसी पर लोगों की आशंका दूर करने में जुटी मोदी सरकार

हैदराबाद,केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने विपक्षी दलों के उस दावे को ‘निराधार’ बताते हुए खारिज कर दिया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी लागू करने का पहला कदम राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर है और कहा कि दोनों में कोई संबंध नहीं है ।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात कर केरल सरकार की तर्ज पर एनपीआर को अद्यतन करने का काम रोकने की मांग की । उन्होंने कहा कि एनपीआर एनआरसी की ओर बढ़ाया गया पहला कदम है।

रेड्डी ने आरोप लगाया, ‘‘विपक्षी दलों तथा मीडिया के एक वर्ग की ओर से जानबूझ कर भ्रमित किये जाने का निरोधार अभियान चलाया गया है कि एनपीआर एनआरसी लागू करने के लिए कराया जा रहा है ।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं दोनों में कोई संबंध नहीं है । मौजूदा एनपीआर 2021 में होने वाले जनगणना का हिस्सा है ।

उन्होंने दावा किया कि 2010 में संप्रग सरकार ने इसकी शुरूआत की थी, राजग सरकार ने इसी को जारी रखा है। इसमें चार अन्य कालम जोड़े गए हैं। इसमें माता पिता का जन्मस्थान, आधार कार्ड नंबर और आवास का अंतिम स्थान शामिल है जो एनपीआर की बुनियादी जरूरतें हैं। गृह राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘मैं लोगों से अपील करता हूं कि वह इस प्रकार के दुष्प्रचार में नहीं पड़ें, जो गरीबों के दुश्मन हैं।’’